मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पुलिस महानिदेशक के निर्देशों पर जिले में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के अंतर्गत तस्करों की कमर तोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस अभियान में नीमच एसपी अंकित जायसवाल के निर्देशन में कई सफलताएं मिली हैं। हालांकि, नयागांव चौकी पुलिस की हालिया कार्रवाई पर रहस्य और सवाल दोनों गहराते जा रहे हैं।
15 जून को पकड़ी अफीम, आज तक प्रेस नोट जारी नहीं!
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नयागांव पुलिस ने 15 जून को एक तस्कर को अफीम के साथ गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान गोविंद सिंह चंद्रावत, निवासी बांसखेड़ी (मंदसौर) के रूप में हुई है, जो बाइक पर अफीम की खेप लेकर जा रहा था। इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र में चर्चाएं गर्म है कि उक्त अफीम रामचंद्र नामक व्यक्ति से लाई जा रही थी – जो इस तस्करी का मुख्य कड़ी बताया जा रहा है।
सूत्र यह भी दावा कर रहे हैं कि नयागांव पुलिस रामचंद्र तक भी पहुंच चुकी है, लेकिन कागजों में उसका नाम दर्ज हुआ या नहीं – यह अब जांच का विषय बन गया है।
प्रश्नों के घेरे में नयागांव चौकी प्रभारी
जहां एक ओर जिले की पुलिस एनडीपीएस एक्ट के तहत सख्त कार्रवाइयाँ कर रही है, वहीं दूसरी ओर नयागांव पुलिस की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं। सबसे अहम बात यह है कि इतनी बड़ी कार्रवाई के बावजूद अब तक किसी प्रकार की आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं की गई है। मीडिया को सूचना न देकर पुलिस आखिर क्या छुपाना चाह रही है?
क्या कार्रवाई में किसी रसूखदार का नाम जुड़ गया है या फिर दबाव में खबर को दबाया जा रहा है – इन अटकलों ने पूरे घटनाक्रम को और रहस्यमय बना दिया है।
एसपी के निर्देशों की अनदेखी?
एसपी अंकित जायसवाल ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मादक पदार्थों की तस्करी पर “जीरो टॉलरेंस” नीति अपनाई जाए। बावजूद इसके नयागांव पुलिस की गुपचुप कार्रवाई और प्रेस से दूरी यह दर्शाती है कि कहीं न कहीं अब भी पुराने परिपाटी पर काम हो रहा है।
क्या कहते हैं जानकार?
स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि इस तरह की कार्यवाहियों को मीडिया से छिपाना कहीं न कहीं सिस्टम की पारदर्शिता को धुंधला करता है। यदि पुलिस ने सटीक कार्रवाई की है, तो उसे सार्वजनिक करना चाहिए, जिससे आम जनता में भरोसा बने और अपराधियों में डर।