नीमच। ज़िला मुस्लिम इंतजामिया कमेटी नीमच द्वारा रविवार 10 सितंबर को शहीद कैप्टन अब्दुल हमीद की याद में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उनके शहादत दिवस पर एमआईसी कार्यालय में हुए कार्यक्रम में वक्ताओं ने कैप्टन हमीद के जीवन और उनकी बहादुरी के बारे में बताया। मुफ्ती तौसीफ सिद्दीकी ने कहा कि 1965 के युद्ध में कैप्टन हमीद ने पाकिस्तान के 8 पैटन टैंक नेस्तो नाबूद किए थे। जब भारत पर दुश्मन मुल्क हमलावर था,तो अब्दुल हमीद ने वीरता का परिचय दिया। लेकिन आज उन्हें ही भुला दिया गया है। हारून रशीद कुरैशी ने कहा कि अब्दुल हमीद जैसे सूरमाओं की याद में स्मारक बनाया जाना चाहिए। ताकि लोग उनके बारे में जान सकें। कमेटी के सह सचिव मोहम्मद वसीम ने कैप्टन हमीद के जीवन पर विस्तृत प्रकाश डाला और उनकी बहादुरी,निडरता और देश प्रेम के बारे में चर्चा की। शकील कुरैशी ने कहा कि हमारे लाखों उलेमा और मुस्लिम स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान वतन पर कुर्बान की है। लेकिन आज उन्हें याद नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा नीमच में शहीद वीर अब्दुल हमीद और मिर्ज़ा मोहम्मद बेग के नाम से स्मारक ज़रूर बनवाया जाएगा। कार्यक्रम को युनुस कुरैशी और आलम तौक़ीर ने भी संबोधित किया। एमआईसी अध्यक्ष गुलाम रसूल पठान ने भारतीय सेना में मुस्लिम रेजिमेंट बनाए जाने की बात कही। इसके अलावा उन्होंने अखंड भारत बनाए जाने पर भी ज़ोर दिया। जिससे भारत विश्व गुरु बन सके। कार्यक्रम का संचालन नदीम अख़्तर कुरैशी ने किया। इस दौरान बड़ी तादाद में श्रोता मौजूद थे।