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जलझूलनी एकादशी पर निकले मंदिरों के चल समारोह, नगर में किया भगवान ने भृमण, अखाड़ों के करतबों व ढोल नगाड़ों के साथ हुआ भव्य आयोजन

जीरन - हेमंत अहिरवार September 7, 2022, 7:30 pm Technology

जीरन में प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी डोल ग्यारस का धार्मिक त्योहार पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा था, इसी कड़ी में जीरन नगर में भी इस त्यौहार को सभी नगर वासियों ने मिलकर बड़े हर्षोल्लास से मनाया ओर यहां पर साम्प्रदायिकता की मिसाल भी देखने को मिली नगर में अखाड़े के करतबों के साथ अनेक जगह डोल की आरती की गई व प्रसाद वितरित किया गया।

" दिवाली में अली बसे , राम बसे रमजान ऐसा होना चाहिए अपना हिंदुस्तान " किसी शायर की ये चंद लाईने जीरन की सरजमीं पर परवान होती दिखाई दी, जीरन में साम्प्रदायिक सौहार्द की ऐसी मिसाल पेश हुई की मंगलवार को हिन्दू महापर्व जलझूलनी एकादशी पर निकले विशाल जलसे को पूरे जीरन ने एक साथ भव्य रूप से मनाया। वही नगर के सभी 11 मंदिरों के भगवान डोल (बेवाण ) में विराजमान होकर बैंडबाजे के साथ पूरे नगर में नगर भृमण पर निकले। 

जीरन के ऐतिहासिक सरोवर के घाट पर  देव स्नान कर वापिस जैसे ही मस्जिद के पास पहुंचे तो वहां मुस्लिम समाज ने दिल खोलकर जुलूस का स्वागत किया। मुस्लिम समाज के लोगो ने जुलूस के बीच पहुंच कर हिन्दू भाईयो को गले लगाकर डोल ग्यारस पर्व की बधाई दी। मुस्लिम भाईयो ने बेवाण में विराजित भगवानको पुष्पमाला और प्रसाद अर्पित कर सेकड़ो की तादात में खचाखच भरे रास्ते पर प्रसाद बांट कर ढोल की थाप पर थिरक कर खुशी का इजहार किया। मुस्लिम भाईयो ने इस दौरान भगवान के बेवाण को अपने कंधे पर उठाए। जिले में ही नहीं बल्कि पूरे देश लिए साम्प्रदायिक सद्भाव की मिसाल पेश हुई। इस कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारियों की व्यवस्था चाक चौबंद रही ।

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