बजरंग व्यायाम शाला परिसर में रमेशचंद्र लबाना परिवार द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा में भक्तों की श्रद्धा और भक्ति चरम पर दिखाई दी। व्यासपीठ पर विराजमान पं. कुलदीप शर्मा (बांगरेड) प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से भक्तों को कथा का रसपान करा रहे हैं।
गुरुवार का दिन विशेष रूप से भावनात्मक रहा, क्योंकि कथा के मध्य कृष्ण जन्मोत्सव अत्यंत धूमधाम, उत्साह और आध्यात्मिक उल्लास के साथ मनाया गया। पंडाल को मोरपंख, फूलों और रंगीन रोशनियों से सजाया गया, जिससे वातावरण नंदगांव जैसा पवित्र महसूस हो रहा था।
कथा के दौरान पंडित शर्मा ने कहा — जिस प्रकार हम बच्चों को प्रेम से पुकारते हैं और वे दौड़े चले आते हैं, उसी प्रकार भगवान को भी लाड़ प्रेम से पुकारना चाहिए, वे भी अवश्य दौड़े-दौड़े आते हैं।
जैसे ही कृष्ण जन्म का प्रसंग आरंभ हुआ, पूरा पंडाल जयकारों से गूंज उठा—
“नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की!”
नन्हे कृष्ण की झांकी का अनावरण होते ही पूरा परिसर दिव्य वातावरण में डूब गया। शंख, घंटी, ढोल-नगाड़ों की ध्वनि ने माहौल को और पवित्र बना दिया। भक्तों ने बारी-बारी से नन्हे कान्हा का झूला झुलाया। भजन मंडली द्वारा “आज जन्मे नंदलाला”, “मेरे तो गिरधर गोपाल” और “हाथी घोड़ा पालकी…” जैसे भजनों पर भक्तों ने भावपूर्ण महारास किया।
व्यासपीठ से पंडित शर्मा ने कहा— “कृष्ण केवल देवता नहीं, बल्कि सत्य, प्रेम और धर्म की पुनर्स्थापना का स्वरूप हैं। जब संसार में अन्याय बढ़ता है, तब ईश्वर अवतार लेकर धर्म की रक्षा करते हैं।”
कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं को भक्ति, कर्तव्य और सदाचार अपनाने का संदेश दिया गया। अंत में महाआरती एवं प्रसाद वितरण हुआ। शुक्रवार और शनिवार को दोपहर में भागवत कथा तथा रात्रि में नानी बाई का मायरा समारोह आयोजित किया जाएगा।