मध्यप्रदेश के मुखिया सीएम मोहन यादव अवैध कॉलोनी माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और जेल भेजने के निर्देश दे रहे हैं। वही कलेक्टर हिमांशु चंद्रा भी ऐसे मामलों में अपना सख्त रुख अपना रहे हैं लेकिन स्थानीय स्तर पर अधिकारी अवैध कॉलोनी माफियाओं को संरक्षण देते हुए दिखाई दे रहे हैं और एफआईआर दर्ज करने के आदेश सिर्फ कागजों तक सीमित दिखाई दे रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला जावद के बावल का सामने आया। जहां पर अक्टूबर 2024 में बाबल गांव में अवैध कालोनी काटने को लेकर 9 भूमि स्वामी विजय शर्मा, महेंद्र सिंह राजपूत, सुचित सोनी, पराग पडोल, अभिषेक शर्मा, दिनेश बैरागी, जया लौहार, रितेश गर्ग, सवैन्द्रसिह राजपूत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश हुए। लेकिन यह पत्र सिर्फ एक कागज का टुकड़ा बनाकर दिखाई दे रहा है अवैध कॉलोनी माफिया प्रशासन पर हावी होते दिखाई दे रहे। और स्थानीय अधिकारी भी इनके काले कारनामों पर खासे मेहरबान दिखाई दे रहे हैं।
प्रशासन कर रहा एक दूसरे पर टालमटोल
नीमच कलेक्टर हिमांशु चंद्रा के सख्त निर्देशो के बावजूद स्थानिक प्रशासन दौषियो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने को लेकर एक दूसरे पर टालमटोल करता दिखाई दे रहा है। जावद एसडीएम ने अक्टूबर 2024 में जनपद सीईओ जावद को एफआईआर दर्ज करवाने को लेकर पत्र लिखा। लेकिन 4 माह बीतने के बाद भी जावद जनपद सीईओ आकाश धुर्वे का कहना है कि उन्होंने तहसीलदार मैडम को अवगत करा दिया था कि यह जमीन राजस्व की है तो राजस्व विभाग एफआईआर दर्ज करवाए। वही पुरे मामले में तहसीलदार मयूरी जोकसे से बात की तो उनका कहना है कि चार माह पुराना मामला है उनके पास ऐसा कोई पत्र नहीं आया। वह पूरे मामले को दिखवाएंगे और पत्र का पालन करवाया जाएगा।