642 मोबाइलों की हेराफेरी के मास्टरमाइंड को क्राइम ब्रांच ने पकड़ लिया है। नेपाल में फरारी काट रहा यह आरोपी जैसे ही इंदौर के नजदीक राऊ तक आया क्राइम ब्रांच ने उसे पकड़ लिया। क्राइम ब्रांच ने मुख्य आरोपी के साथ उसके एक अन्य साथी को भी पकड़ा है। अब दोनेां से सभी मोबाइल को लेकर पूछताछ की जा रही है।
इंदौर क्राइम ब्रांच ने रावजी बाजार में फरार 642 मोबाइलों में हेराफेरी कर बेचने वाले मास्टर माइंड को नेपाल से भारत से आते ही राऊ इलाके से पकड़ लिया है। एडिशनल डीसीपी क्राइम राजेश दंडोतिया ने अगस्त 2023 में रावजी बाजार इलाके में पकड़ाई मोबाइल खेप की जांच को आगे बढ़ाते हुए मास्टर माइंड जितेन्द्र उर्फ जॉनी वासवानी और उसके साथी जय को पकड़ा है। दोनों आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने राऊ इलाके से अपनी हिरासत में लिया है। जिनसे पूछताछ की जा रही है।
नेपाल भाग गया था आरोपी
जॉनी उर्फ जितेन्द्र की नेपाल, दुबई और मुंबई में मोबाइल सप्लाय करने की चैन की जानकारी आई थी। जितेन्द्र को लगा था कि वह अगर पकड़ाया तो क्राइम ब्रांच उसे नहीं छोड़ेगी। वह पहले भी दो बार मोबाइल कांड में पकड़ा जा चुका है। इस बार 642 मोबाइल की खेप जिसमें उसने हेराफेरी की थी की खेप पकड़ाने के बाद वह नेपाल भाग गया था। पुलिस को प्रारंभिक पूछताछ में उसने बताया कि वह मामला ठंडा पड़ने तक इंदौर से बाहर रहना चाहता था। पुलिस के मुताबिक वह सरेंडर करने के मूड में था। लेकिन इंदौर आते ही राऊ में उसकी लोकेशन ट्रेस हुई। जिसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे दबोच लिया।
642 मोबाइलों की हेराफेरी के मास्टरमाइंड को क्राइम ब्रांच ने पकड़ लिया है। नेपाल में फरारी काट रहा यह आरोपी जैसे ही इंदौर के नजदीक राऊ तक आया क्राइम ब्रांच ने उसे पकड़ लिया। क्राइम ब्रांच ने मुख्य आरोपी के साथ उसके एक अन्य साथी को भी पकड़ा है। अब दोनेां से सभी मोबाइल को लेकर पूछताछ की जा रही है।
इंदौर क्राइम ब्रांच ने रावजी बाजार में फरार 642 मोबाइलों में हेराफेरी कर बेचने वाले मास्टर माइंड को नेपाल से भारत से आते ही राऊ इलाके से पकड़ लिया है। एडिशनल डीसीपी क्राइम राजेश दंडोतिया ने अगस्त 2023 में रावजी बाजार इलाके में पकड़ाई मोबाइल खेप की जांच को आगे बढ़ाते हुए मास्टर माइंड जितेन्द्र उर्फ जॉनी वासवानी और उसके साथी जय को पकड़ा है। दोनों आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने राऊ इलाके से अपनी हिरासत में लिया है। जिनसे पूछताछ की जा रही है।
कमिश्नर के आदेश पर मिली थी क्राइम ब्रांच को जांच
स्थानीय पुलिस ने जब मोबाइल पकड़े तो आगे की जांच के लिये टेक्निकल टीम की जरूरत थी। जिसके बाद कमिश्नर ने अंतरराष्ट्रीय गिरोह के कनेक्शन होने का पता चला था। इसके चलते कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने क्राइम ब्रांच को मामले की जांच सौंपी थी। मोबाइल में हेराफेरी कर बेचने वालों की इस गैंग का नेटवर्क दुबई, नेपाल और मुंबई तक मिले हैं। इस गैंग का कनेक्शन पिछले दिनों भंवरकुआ में पकड़ाए मोबाइल चोरी कांड के आरोपियों से जुड़े हैं।