नीमच। गांधी सागर-2 जल परियोजना में कार्यरत दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड को करीब 73 लाख रुपये से अधिक की आर्थिक क्षति पहुंचाने का मामला सामने आया है। प्रकरण में कंपनी द्वारा अधिकृत युवराज ट्रेडर्स एवं उसके प्रतिनिधियों द्वारा जारी पाइपलाइन सामग्री को कार्यस्थल पर नहीं लगाने एवं लौटाने में टालमटोल कर उसे गायब करने का गंभीर आरोप है। पुलिस ने मामले में चार आरोपियों के विरुद्ध अमानत में खयानत सहित अन्य धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर जांच प्रारंभ कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रोजेक्ट के वरिष्ठ प्रबंधक सुनील सिंह तोमर ने थाना नीमच सिटी में लिखित आवेदन देकर बताया कि युवराज ट्रेडर्स, प्रोप्राइटर ममता कंवर को पाइपलाइन संयोजन कार्य हेतु वर्क ऑर्डर दिया गया था। इसके तहत उन्हें कंपनी द्वारा 34889 मीटर पाइप इश्यू किए गए थे। प्रारंभ में ममता कंवर द्वारा संजीव लोरा निवासी नागौर को अधिकृत किया गया, जिसने 9 अप्रैल से 15 नवंबर 2024 तक कार्य किया।
इसके बाद युवराज ट्रेडर्स द्वारा ममता कंवर के पति राम सिंह एवं उनके भाई देवराज सिंह को अधिकृत किया गया। कार्य बंद होने के बाद जब कंपनी द्वारा स्टॉक का सत्यापन किया गया, तब सामने आया कि लगभग 12552 मीटर पाइप, जिसकी कीमत ₹76,52,306/- आँकी गई है, संबंधित साइटों से अनुपस्थित है।
जब राम सिंह व देवराज को साईट पर बुलाकर जवाब तलब किया गया तो राम सिंह ने 4-5 दिन में पाइप लौटाने की बात कहते हुए एक शपथ पत्र प्रस्तुत किया और अपनी कार RJ 21 CB 6647 कंपनी कैंप पर अमानत में छोड़ दी। लेकिन बाद में न तो पाइप लौटाए गए, न ही आरोपी वाहन वापस लेने आया।
पुलिस जांच में स्पष्ट हुआ कि संजीव लोरा, ममता कंवर, राम सिंह व देवराज सिंह ने मिलकर षड्यंत्रपूर्वक कंपनी की सामग्री का दुरुपयोग कर आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। थाना नीमच सिटी में इनके विरुद्ध धारा 316(2), 318(4), एवं 61 बी.एन.एस. 2023 के तहत अपराध दर्ज कर आगे की कार्रवाई प्रारंभ की गई है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
जांच अधिकारी के अनुसार, प्रथम दृष्टया यह अमानत में खयानत का मामला है। समस्त दस्तावेजों, साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर अपराध दर्ज किया गया है और आवश्यक कानूनी कार्रवाई जारी है।