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किसानो की आस पर फिरा पानी, सोयाबीन की फसल बर्बाद, बारिश की लम्बी खेच के कारण किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें

कुकडेश्वर - नरेन्द्र कुमार चौधरी August 31, 2023, 10:36 pm Technology

कुकडेश्वर नगर एवं आसपास के गांवों के खेतों में खड़ी सोयाबीन की फसले बारिश के पानी की लंबी खेंच के चलते बर्बाद हो रही। कुकडेश्वर नगर एवं आसपास के गांव के किसानों ने बताया कि पानी की लंबी खेंच के चलते खेतों में सोयाबीन की फसले इस वर्ष अच्छी खड़ी थी लेकिन अनावृष्टि के कारण किसानों के मुंह में आया निवाला छीना जा रहा है।

ग्राम पंचायत फुलपुरा के कड़ी खुर्द के किसान मोतीलाल चौधरी, कुकड़ेश्वर के किसान गोपाल, कन्हैयालाल, राधेश्याम खाती हनुमंत्या के किसान रामकिशन एवं आमदखेड़ी, हतुनिया गांव पंचायत के किसान शंभुलाल गुर्जर, मुकेश गुर्जर, कैलाश गुर्जर, दशरथ गुर्जर, बाबूलाल गुर्जर, भारत गुर्जर आदि ने बताया कि लाखों रुपए हम किसानो ने कर्ज लेकर खेतों में लगाकर फसलें तैयार की लेकिन अनावृष्टी और पानी की लंबी खेंच से फसले बर्बाद हो रही। वर्तमान में सोयाबीन,उड़द मक्का की फसलों में अत्यधिक पानी की आवश्यकता है। लेकिन पानी नहीं गिरने से फसलों में ईल्ली, कीट और मोईली,सफेद रोग के साथ खड़ी फसलें सुखाने लगी है।

किसानो की चिंता शासन प्रशासन को करना ही पढेगी वर्तमान में खड़ी फसल कम पानी गिरने के कारण लागत मूल्य भी किसानों को नहीं मिलेगा, ऐसी स्थिति बन चुकी है किसान बड़ा परेशान वह संकट के दौर से गुजर रहा है। साथ ही बारिश का पानी अच्छा नहीं गिरने के कारण कुए, तालाब सभी सूखे पड़े हैं अगली फसल एक ऐसी फसल जो किसान ही नहीं पूरे देश में खाने के लिए गेहूं चने की फसल होती है परंतु अब वह फसल भी नहीं हो पाएगी। अब किसान अपना जीवन यापन कैसे करेंगे यही सोच कर बारिश के पानी की आस में किसान रात दिन भगवाँन से प्रार्थना कर रहा है लेकिन बारिश नहीं हो रही।

अब किसान अपना दर्द किसको बताये, किसानों के अरमां आंसुओं में बह रहे हैं अब किसान वर्तमान सरकार पर आस लगाए बेठा हैं इस विषय में वर्तमान जनप्रतिनिधि व विपक्षी दल केवल अपनी वोटो की राजनीति में लगे हैं। जरा राजनीति से हटके किसानो की चिंता जताये। और इन्हें आस बन्धाकर कुछ राहत की बात कर जीवन को दुख मय से सुखमय करने के साथ ही इस संकट की घड़ी में साथ देवे। मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार से मनासा, रामपुरा, कुकडेश्वर के किसानों ने फसलों का मोका मुआवना कर मुआवजा की मांग की।

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