नीमच जिला कलेक्टर हिमांशु चंद्रा के निर्देशन में जिलेभर में अवैध अतिक्रमण हटाने का अभियान चल रहा है, लेकिन रतनगढ़ टप्पा क्षेत्र में इस अभियान को खुली चुनौती मिल रही है। यहां बेशकीमती सरकारी जमीन पर कब्जे का खेल एक बार नहीं, दो बार खेला गया। पहले तो जेसीबी चलाकर अतिक्रमण हटाया गया, लेकिन बाद में फिर से कब्जा कर लिया गया — और इस बार, प्रशासनिक चुप्पी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, रतनगढ़ से नीमच मुख्य मार्ग पर स्थित विद्युत ग्रिड के समीप एक अति मूल्यवान शासकीय भूमि है। कुछ समय पहले इस जमीन पर अतिक्रमण कर निर्माण शुरू कर दिया गया था। तत्कालीन तहसीलदार मोनिका जैन के संज्ञान में मामला आते ही जेसीबी से अतिक्रमण हटवाया गया। प्रशासन की कार्रवाई के बाद माना जा रहा था कि अब यह जमीन सुरक्षित है।
लेकिन तहसीलदार के तबादले के बाद स्थिति फिर बदल गई। कथित भू-माफियाओं ने दोबारा इसी जमीन पर कब्जा करते हुए वहां फिर दीवार खड़ी कर दी है। इस बार न तो कोई जांच हुई और न ही कोई कार्रवाई।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पटवारी और राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारी इस मामले में मिलीभगत कर रहे हैं। सवाल यह है कि जब एक बार कार्रवाई हो चुकी थी, तो दोबारा कब्जा कैसे हो गया? क्या पटवारी ने दोबारा रिपोर्ट नहीं बनाई? क्या राजस्व विभाग की आंखें बंद हैं, या जानबूझकर अनदेखा किया जा रहा है?
कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने जिले में शासकीय जमीनों से अतिक्रमण हटाने का अभियान छेड़ा हुआ है। लेकिन इस मामले में दोबारा कब्जा साबित करता है कि निचले स्तर पर इस अभियान को लेकर गंभीरता की कमी है।
शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण को लेकर जिला कलेक्टर द्वारा सख्त मुहिम चलाई जा रही है। जहां भी शिकायत मिलती है, वहां तत्काल जांच कर कार्रवाई की जाती है। रतनगढ़ क्षेत्र में मेरी नियुक्ति के बाद अब तक कई स्थानों से कब्जे हटवाए गए हैं। आपने जो मामला संज्ञान में लाया है, उस पर संबंधित पटवारी से रिपोर्ट तलब कर यदि अतिक्रमण पाया जाता है तो तत्काल सख्त कार्रवाई की जाएगी। - बसंतीलाल डाबी, तहसीलदार रतनगढ़।