मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ में भारत रत्न, संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाए जाने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। न्यायालय के पूर्व आदेश के बावजूद प्रतिमा स्थापना में बाधा उत्पन्न करने वाले कुछ वकीलों के विरुद्ध अब भीम आर्मी सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है।
इस संबंध में नीमच जिले के भीम आर्मी सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधिमंडल ने एक ज्ञापन के माध्यम से माननीय सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित कर कलेक्टर के माध्यम से कार्रवाई की मांग की है।
ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि उच्च न्यायालय द्वारा प्रतिमा स्थापना के लिए पारित आदेश का कुछ अधिवक्ताओं द्वारा खुला उल्लंघन किया गया है। जब प्रतिमा लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई, तो कथित रूप से जातिवादी मानसिकता से प्रेरित कुछ वकीलों ने इसका विरोध किया, गाली-गलौज की, मारपीट की और अनुसूचित जाति समाज के अधिवक्ताओं के साथ अभद्रता की।
प्रतिनिधियों का कहना है कि यह न केवल न्यायालय की अवमानना है, बल्कि भारतीय संविधान, सामाजिक न्याय के सिद्धांतों और डॉ. अंबेडकर की गरिमा का भी अपमान है।
ज्ञापन में यह माँग की गई है कि—