नीमच के सिंगोली तहसील मुख्यालय पर 5 करोड़ की बेशकीमती सरकारी जमीन घोटाले मामले में पांच माह बाद आखिरकार जांच पूरी हुई और जमीन घोटाला मामले में पटवारी ने अनिल जैन और दीपक पारुडिया के साथ मिलकर बेशकीमती सरकारी जमीनों की हेरा फेरी का खेल खेला। शिकायतकर्ता दीपक तिवारी की शिकायत के पांच माह बाद तहसीलदार की जांच रिपोर्ट पूरी हुई और अब प्रतिवेदन बनाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कलेक्टर हिमांशु चंद्रा के पास एक सप्ताह पहले भेजा गया।
दरअसल सिंगोली के खसरा नंबर 70 पर शासकीय बेशकीमती जमीन को खुर्द करते हुए निजी खाते में रकबा बढ़ाते हुए नए खाता बनाने की शिकायत कलेक्टर की जनसुनवाई में हुई थी जिस पर तत्कालीन कलेक्टर दिनेश जैन ने मामले को मामला संज्ञान में लिया और तहसीलदार सिंगोली को जांच के निर्देश दिए गए। जांच में प्रथम दृश्या जमीन हेरा फेरी का मामला पाए जाने पर तहसीलदार ने स्थगन आदेश जारी किया और जांच दल का गठन कर रिपोर्ट मंगवाई गई। आखिरकार 5 माह बाद तहसीलदार की जांच पूरी हुई और जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को प्रस्तुत किया गया। जांच में बताया जा रहा है कि तत्कालीन पटवारी सुरेंद्र चुंडावत ने नियम विरुद्ध तहसीलदार को गुमराह कर अनिल और दीपक के साथ मिलकर नए खाता बनाने का खेल खेला और पुराना रकबा कम नहीं किया गया। और सरकारी जमीन पर अवैध कालोनी काटी जा रही है जा रही है।
कलेक्टर के पास प्रतिवेदन, क्या होगा एक्शन
नीमच कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने जिले में आते ही एक बात तो स्पष्ट कर दी थी कि किसी भी लापरवाही बरतने वाले अधिकारी और घोटाले बाज को बख्शा नहीं जाएगा। 5 करोड़ की बेश कीमती सरकारी जमीन घोटाले मामले में 5 माह बाद तहसीलदार की जांच पूरी हुई और जांच रिपोर्ट एक सप्ताह पहले कलेक्टर के पास पहुंची। ऐसे में अब देखना यह होगा कि तहसीलदार को गुमराह कर तत्कालिक पटवारी सुरेंद्र चुंडावत ने अनिल जैन और दीपक पारुणिया के साथ मिलकर जो बेश कीमती सरकारी जमीनों का घोटाला किया, उस मामले में कलेक्टर क्या एक्शन लेते हैं।