आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी की वजह से लोगों की जीवनशैली में तेजी से बदलाव आ रहा है। इसके कारण अक्सर लोगों को अपने गर्दन, कमर और घुटनों में दर्द की समस्याएं रहती हैं। इस दौरान हमें डॉक्टर से ज्यादा फिजियोथेरेपिस्ट की याद आती है। उक्त बात रविवार को गुर्जर गोड महिला मंडल जावद की महिलाओं द्वारा कार्यशाला के आयोजन के दौरान फिजियोथैरेपी डॉक्टर शिखा द्वारा कही गई।
श्रीगणेश फिजियोथैरेपी सेंटर की संचालिका डॉक्टर शिखा शर्मा ने आधुनिक युग में होने वाली गंभीर बीमारियों से बचाव के तरीके भी बताएं। जिसमें बताया गया कि हमारी खराब जीवन शैली और संतुलित आहार की कमी से हमें गर्दन दर्द, घुटनों का दर्द, स्लिप डिस्क जैसी बीमारियां होती है इसके लक्षणों को पहचान कर और जीवन शैली में सुधार कर उनसे बचाव किया जा सकता है।
फिजियोथैरेपी यानी भौतिक चिकित्सा का आज के युग में बहुत महत्व बढ़ गया है। आज के समय में ज्यादा फोन इस्तेमाल करने और लैपटॉप ज्यादा इस्तेमाल करने से मरीज भी पहले की तुलना में बढ़ गए हैं। शल्य चिकित्सा या दवाइयां से होने वाले नुकसान से बचाव के लिए भौतिक चिकित्सा अच्छा माध्यम है। जो व्यक्ति स्वस्थ हैं वह भी सही जीवन शैली अपना कर गंभीर बीमारियों को दूर रख सकता है। जिसमें आपको लगातार कुछ मांसपेशियों को खिंचाव करके अपने शरीर की दशा को सुधारते हैं, जिसमें गुर्जर गोड महिला मंडल की सभी महिलाओं ने स्वास्थ्य लाभ लिया और अपनी समस्याओं के बारे में चर्चा की महिला मंडल महिला मंडल से मनीषा त्रिवेदी सुमन जोशी सुमन शर्मा मीनाक्षी त्रिपाठी जयंती त्रिवेदी संजू गौतम ममता शर्मा कृष्ण जोशी अनिता जोशी रेखा तिवारी आशा सुल्तानिया शिखा शर्मा आदि उपस्थित रहे।