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फालोअप - बेशकीमती सरकारी जमीनों की बंदरबाट, नोटिस तक प्रशासन की कार्रवाई सीमित, जावद कांग्रेस सरपंच से लगाकर भाजपा नेता जमीन घोटाले में शामिल, पढिए पूरी खबर

जावद - April 22, 2024, 1:29 pm Technology

नीमच के जावद के समीप बरखेड़ा कामलिया ग्राम पंचायत में बेशकीमती सरकारी जमीनों की बंदरबाट का मामला सुर्खियां बटोर रहा है। प्रशासन के नुमाइंदे उन्हें जेल पहुंचाने की जगह सिर्फ नोटिस तक अपनी कार्यवाही का दिखावा करते दिखाई दे रहे हैं।

दरअसल मामला जावद के समीप बरखेड़ा कामलिया पंचायत के मोरका गांव का है। जहां मुख्य मार्ग पर लगी बेशकीमती करोड़ों की सरकारी भूमि को हथियाने के लिए बरखेड़ा कामलिया के सरपंच ने ही खेल खेला। उमाशंकर नागदा की शिकायत के बाद पूरे मामले का भंडाफोड़ हुआ और प्रशासन हरकत में आया। लेकिन प्रशासन की कार्रवाई ऐसा लग रहा है कि कछुए की चाल से धीमी गति के दिखाई दे रही हैं। 29 अप्रैल को सरकारी जमीन की खरीदी और बिक्री करने वाले लोगों को नोटिस देकर एसडीएम ने तलब किया।

शिकायत कर्ता के आरोप है कि बरखेड़ा कामलिया के सरपंच नरेश पाटीदार ने सरकारी जमीनों की खरीद फरोख्त को लेकर पूरा खेल खेला और फर्जी हस्ताक्षर के साथ प्रमाण पत्र जारी किए गए। वही नीमच के मुस्तफा बोहरा के नाम पर पहले जमीन की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराई गई। और अब सरकारी जमीनों की बंदरबाट करने के लिए इसमें कांग्रेस सरपंच के साथ जावद के भाजपा नेता भी शामिल हो गए। और संघ के पदाधिकारी और भाजपा नेता की पत्नी के नाम पर रजिस्ट्री करवाने के दस्तावेज सामने आए। वही बरखेड़ा कामलिया के सरपंच नरेश पाटीदार ने तो अपने पुत्र अनिल पाटीदार के नाम पर फर्जी तरीके से सरकारी जमीन की रजिस्ट्री करवा दी।

सूचना के अधिकार में सचिव ने किया खुलासा

शिकायतकर्ता उमाशंकर नागदा द्वारा जब ग्राम पंचायत में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई तो सचिव द्वारा लिखित में उमाशंकर नागदा को जानकारी उपलब्ध कराई गई की इस प्रकार के किसी भी प्रकार का प्रमाण पत्र पंचायत द्वारा जारी नहीं किया गया, न हीं सचिव ने उस पर हस्ताक्षर किया। ऐसे में सरपंच ने ही फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जीवाड़ा किया, ऐसे आरोप शिकायतकर्ता ने लगाए हैं।

शिकायत के बाद प्रशासन हरकत में

शिकायतकर्ता उमाशंकर नागदा और ग्रामीणों की शिकायत के बाद में बरखेड़ा कामलिया पंचायत के मोरका गांव में हुए करोड़ों की बेशकीमती सरकारी जमीन की खरीद फरोख्त को लेकर जावद प्रशासन ज्यादा गंभीर तो नहीं है लेकिन औपचारिकता पूरी करने के लिए एसडीएम ने 13 लोगों को नोटिस जारी किए और 29 अप्रैल को एसडीएम कार्यालय में तलब किया गया।

क्या जाएंगे जेल या फिर राजनीतिक रसूख पड़ेगी भारी

जावद क्षेत्र में पहले भी ग्राम पंचायत खोर में जमीन घोटाले का मामला सामने आया, उक्त मामले में दोषियों को जेल जाना पड़ा, ऐसे में देखना यह होगा की बरखेड़ा कामलिया पंचायत में हुए करोड़ों की जमीन घोटाले के मामले में क्या निष्पक्ष रूप से कार्यवाही होते हुए दोषियों को जेल भेजा जाएगा या फिर राजनीतिक रसूख के चलते मामला ठंडे बस्ते में दिखाई देगा और सरकारी जमीनों की बंदरबाट का खेल चलता रहेगा।

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