सामूहिक दुष्कर्म के मामले में ताल थाना में पदस्थ एक आरक्षक द्वारा एक आरोपित की मदद करने के लिए 30 हजार रुपये की रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। जांच के बाद एसपी राहुल कुमार लोढा ने रिश्वत लेने पर आरक्षक ओमप्रकाश गुर्जर और मामले में लापरवाही बरतने पर ताल थाना प्रभारी (कार्यवाहक निरीक्षक) करणसिंह पाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि 27 अक्टूबर 2023 को एक महिला ने ताल थाने पर आरोपित जुझार सिंह डोडिया, राजेश सिंह और कुलदीप सिंह के खिलाफ अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपित जुझार सिंह व राजेश सिंह को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। कुलदीप सिंह अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगा है।
मामले में एसपी को शिकायत मिली थी कि आरक्षक ओमप्रकाश गुर्जर ने प्रकरण में आरोपित राजेश सिंह की मदद करने के नाम पर राजेश सिंह के भाई मुकेश सिंह से रिश्वत मांगी है। मुकेश आरक्षक को 30 हजार रुपये दे चुका है। शिकायत की जांच करने के लिए 3 नवंबर को आलोट एसडीओपी शाबेरा अंसारी को आदेशित किया गया था। एसडीओपी ने जांच पूर्ण कर 8 नवंबर को प्रतिवेदन एसपी को भेजा था। जांच प्रतिवेदन के बाद एसपी ने आरक्षक व थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया।
जांच के दौरान मुकेश सिंह, थाना प्रभारी, आरक्षक के कथन लिए गए और ताल नगर के सीसीटीवी फुटेज चेक किए गए। वीडियो फुटेज में मुकेश सिंह व साक्षी भंवरलाल गुर्जर 29 नवंबर को ताल नगर के व्यापारी विनोद जैन से रुपये लेकर ताल थाना की तरफ जाते दिखाई दिया। कथनों में बताया गया कि मुकेश व भंवरलाल ने आरक्षक को रुपये दिए। एसपी ने आरक्षक व टीआइ को निलंबित कर पुलिस लाइन रतलाम पदस्थ किया है।
23 वर्षीय महिला ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह 26 अक्टूबर 2023 की दोपहर भांजे के साथ खरीदारी करने के लिए गांव से ताल नगर जा रही थी। रास्ते में बाइक का पहिया पंक्चर होने से वह एक पेट्रोल पंप के पास खड़ी हो गई थी। भांजा पंक्चर बनवाने पंथ पिपलौदा की तरफ गया था। तभी आरोपित जुझार सिंह डोडिया, राजेश सिंह डोडिया और कुलदीप सिंह कार लेकर उसके पास आए थे। जुझार ने कहा था कि कार में बैठ जाओ भांजे के पास छोड़ देते हैं।
वह कार में बैठी तो उसकी आंखों पर पट्टी बांधकर उसे एक अनजान स्थान पर स्थित कमरे में ले गए थे। वहां आरोपितों ने उसके साथ दुष्कर्म कर मारपीट की थी, जिससे वह बेहोश हो गई थी। उसे कमरे में बंद कर दिया था व दूसरे दिन कार में बैठाकर आबुपुरा मगरे के पास ले जाकर छोड़ दिया था।