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साइबर ठगी का शिकार युवक ने लगाईं फांसी, सुसाइड से पहले बनाया वीडियो, इस एप में लगाएं थे रूपए, पुलिस पर भी लगे आरोप 

डेस्क रिपोर्टर September 20, 2023, 1:23 pm Technology

भोपाल में 31 जुलाई को एक युवक ने सुसाइड किया, डेढ़ माह बाद खुलासा हुआ कि उसने साइबर ठगों से प्रताड़ित होकर जान दी है। युवक ने सुसाइड से पहले एक वीडियो बनाया था, जिसमें उसने 'धनी एप' के जरिए 1.93 लाख रुपए की ठगी का जिक्र किया है। ये वीडियो अब सामने आया है।

बैरसिया के बरखेड़ा बरामद गांव के रहने वाले 24 साल के देव नारायण विश्वकर्मा ने फांसी लगा ली थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। देव नारायण के पिता फूल सिंह विश्वकर्मा ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वे कहते हैं कि 'डेढ़ माह बाद भी पुलिस आरोपियों का सुराग नहीं लगा सकी है। पुलिस कहती है शिकायत वापस ले लो। जांच ऐसे ही होती है। जब कुछ पता लगेगा, तो बताएंगे। कलेक्टर की जनसुनवाई से लेकर तमाम जगह शिकायत कर चुका हूं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।'

जानिए सुसाइड से पहले बनाए गए वीडियो में क्या है...

वीडियो में देव नारायण कह रहा है, 'मैं देव नारायण विश्वकर्मा। यह धनी एप वालों ने मुझसे 1.93 हजार रुपए ट्रांसफर कराए हैं। लोन पास हुआ था तीन लाख रुपए का। अब कंपनी वाले रिप्लाई नहीं करते। मैंने जो रकम दी है, उसके तमाम प्रमाण मेरे वॉट्सएप में हैं। फोन पे हिस्ट्री में भी रकम ट्रांसफर करने के प्रमाण मिल जाएंगे। मैं मर रहा हूं... इन लोगों पर केस चलाओ। इन्हें गिरफ्तार करो। मेरा अनुरोध है कि इन लोगों पर केस लगाइए, कार्रवाई करिए मेरी मौत के बाद।'

पिता बोले- सारे सबूत दे चुका, पुलिस कुछ नहीं कर रही

मैं फूल सिंह विश्वकर्मा ग्राम बरखेड़ा बरामद थाना क्षेत्र बैरसिया का रहने वाला हूं। गांव में बटिया पर जमीन लेकर किसानी करता हूं। मेरे दो बेटे देव नारायण विश्वकर्मा और गोलू विश्वकर्मा हैं। बड़ा बेटा देव नारायण खेती में मेरी मदद करता था। हम गरीब हैं, बमुश्किल गुजारा करते हैं। खेती ही आय का मुख्य साधन है।

बड़े बेटे की अगस्त 2022 में शादी की थी। उसकी आठ महीने की एक बेटी है, जिसका नाम परी है। शादी के बाद बेटे के खर्च बढ़ गए थे। वह खेती के साथ ही गांव में कुछ कारोबार कर आय बढ़ाना चाहता था। इसी बीच उसे वॉट्सएप मैसेज कर कुछ लोगों ने बिना गारंटी के लोन देने की बात कही। वह उनकी बातों में आ गया। आरोपियों ने लोन के लिए प्रोसेसिंग फीस जमा करने के लिए कहा।

बेटे ने कई बार में उन्हें पेटीएम के माध्यम से करीब 1.93 लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। उसे उम्मीद थी कि तीन लाख रुपए का लोन मिलेगा। इससे वह कुछ कारोबार कर लोन चुकता कर देगा। जालसाजों को रुपए देने के लिए उसने घर में रखी कुछ रकम का इस्तेमाल किया। यह रकम हमें बटिया के बाद बेची फसल से मिली थी। कुछ रुपए उसने उधार ली। जालसाज प्रोसेसिंग फीस के नाम पर उससे लगातार रुपए की मांग कर रहे थे।

बेटे की मौत के बाद हमने उसका फोन चेक किया। उसमें वॉट्सएप चैट मिली। आरोपियों ने बेटे को भरोसे में लेने के लिए फर्जी आई कार्ड और आधार कार्ड तक सेंड कर दिए थे। उसे बताया जाता था कि लोन पास होने के बाद उसकी रकम को भी साथ ही लौटा दिया जाएगा। 1.93 लाख रुपए लेने के बाद आरोपियों ने उसके मैसेज का रिप्लाई देना बंद कर दिया। उसके कॉल उठाना बंद कर दिए। कुछ दिन में वह नंबर भी बंद हो गए, जिससे आरोपी वॉट्सएप करते थे। बेटा तनाव में रहने लगा। हालांकि, मौत से पहले उसने कभी हमसे ठगी का जिक्र नहीं किया।

बहू उसकी मौत के बाद से तनाव में है। न समय पर खाना खाती है और न बच्ची पर ध्यान रहता है। आए दिन उसकी याद में रोती बिलखती रहती है। गुमसुम हो चुकी है। उसका वजन लगातार गिर रहा है। बेटे की मां रात में उसकी याद में उठकर रोती है। हर जगह उसे बेटा ही दिखता है।

मैं हिम्मत कर परिवार को संभाले हुआ हूं...अंदर से टूट चुका हूं, पर परिवार के सामने हिम्मत के साथ खड़ा रहता हूं। रातीबड़ में हुए इसी तरह के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया, लेकिन बेटे की मौत के मामले में पुलिस सुस्ती से जांच कर रही है। हम गांव में रहते हैं, हमारी ऊपर तक पहुंच नहीं है।

बेटे को खुदकुशी के लिए उकसाने वालों को सलाखों के पीछे देखना चाहता हूं। इसी आस में जी रहा हूं। हर रोज अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काटता हूं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही, जबकि आरोपियों के सेंड किए दस्तावेज सहित वॉट्सएप चैट से लेकर ऑनलाइन ट्रांसफर की रकम के तमाम प्रमाण मैं पुलिस को दे चुका हूं।

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