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मध्य प्रदेश: मवेशी चराने के विवाद को लेकर खूनी संघर्ष, 5 लोगों की मौतें, बंदूको से किया हमला, गांव छोड़कर भागे लोग

डेस्क रिपोर्टर September 14, 2023, 1:11 pm Technology

दतिया में बुधवार को हुए खूनी संघर्ष में 5 लोगों की मौत हो गई। कुछ दिन पहले जिले के रेड़ा गांव में मवेशी चराने को लेकर पाल और दांगी समाज के दो लोगों में विवाद हो गया था। इसकी दोनों पक्षों ने थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी।

इसी मामले में बुधवार को गांव के मंदिर में सुलह होनी थी, लेकिन, इससे पहले ही विवाद हो गया और हथियारों से लैस दोनों पक्ष एक-दूसरे पर टूट पड़े।

घटना के बाद गांव में सन्नाटा पसरा है। ज्यादातर लोग रिश्तेदारों के घर चले गए। जो बचे हैं वे भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। इधर, जिला अस्पताल में पूरे दिन दोनों पक्षों के परिजनों की भीड़ लगी रही। गांव और अस्पताल में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। देर रात पुलिस के साये में पांचों शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

मामूली विवाद सुलझाने बुलाई थी पंचायत

दतिया जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर रेड़ा गांव बसा है। आबादी 1800 से अधिक। गांव में पाल समाज के 40-45 घर हैं। ज्यादातर मजदूरी करते हैं। वहीं, दांगी समाज के 60 से अधिक मकान बने हुए हैं। दांगी समाज गांव में आर्थिक रूप से थोड़े मजबूत है।पुलिस के मुताबिक, बुधवार की सुबह करीब 10 बजे थे। ग्रामीण गांव से 100 मीटर दूर रेड़ा-भवानीपुर रोड पर जमा होने लगे थे। वे 3-4 दिन पहले गांव में पाल समाज और दांगी समाज के लोगों में हुए विवाद को सुलझाने के लिए एकत्रित हो रहे थे। एक घंटे के भीतर दोनों तरफ से करीब 25 लोगों की भीड़ जमा हो हुई।

खून से सनी जमीन, मौके पर मिली बंदूक

 रेड़ा गांव में देखा गया की गांव से बाहर भारी पुलिस बल मौजूद है। घटना स्थल पर जगह-जगह खून के निशान दिख रहे थे। एक बंदूक मौके पर पड़ी मिली। चंबल रेंज के आईजी सुशांत सक्सेना और एसपी प्रदीप शर्मा वहां पहुंच गए। घटना को लेकर सवाल पूछे तो एसपी प्रदीप शर्मा ने कहा कि जल्द मामले की वजहों का खुलासा करेंगे। दोनों पक्षों में मवेशी को लेकर विवाद हुआ था।आईजी-एसपी से बातचीत के बाद हम गांव में दाखिल हुए। पहली नजर में यह जगह किसी वीरान गांव की तरह नजर आई। कुछ दूर आगे गए तो घर के बाहर बैठे एक बुजुर्ग से बात करने की कोशिश की। दोनों पक्षों के घर का पता पूछा तो उन्होंने बस इतना ही कहा कि गांव में एंट्री करते ही जो मकान हैं वे पाल समाज के हैं। जबकि आगे जाने पर एक गली आएगी, वहीं पर दांगी समाज के लोग रहते हैं। घटना के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है।

तेरा भाई सड़क पर पड़ा है इसे ले जाओ...

टीम सबसे पहले दांगी समाज के लोगों के घर पहुंची। यहां एक युवक सुरेंद्र दांगी मिला। वह मृतक परिवार का रिश्तेदार है। उसने बताया कि, लगभग 3-4 दिन पहले मेरे जीजाजी सुरेंद्र दांगी के पिता राम प्रकाश दांगी (66) का झगड़ा प्रीतम पाल (65) के साथ मवेशी चराने को लेकर हुआ था। इस दौरान कहासुनी हो गई थी। बाद में प्रीतम पाल ने थाने में शिकायत दर्ज करा दी थी। अगले दिन जीजाजी सुरेंद्र दांगी ने भी थाने में शिकायत की थी।

एक-दो दिन बाद गांव के लोगों ने समझाया कि एक ही गांव में रह रहे हैं। आपस में विवाद ठीक नहीं है। उनकी बात मानकर हम सुलह करने को तैयार हो गए थे। 13 सितंबर बुधवार को गांव के गुरु महाराज के मंदिर पर समझौता होना तय हुआ। लेकिन, पाल समाज के लोगों के मन में कुछ और ही चल रहा था। बुधवार को समझौता होना था, समय 12 बजे का तय हुआ था।

जीजा सुरेंद्र दांगी करीब 10 बजे खेत से घर लौट रहे थे। रास्ते में भवानीपुर रोड पर पाल समाज के लोगों ने उन्हें पहले ही रोक लिया और मारपीट कर उनकी हत्या कर दी। फिर पाल समाज के लोगों ने उनके भाई और पिता को फोन लगाकर कहा कि, तेरा भाई सड़क पर पड़ा है इसे ले जाओ।जब वे मौके पर पहुंचे तो पाल समाज के लोगों ने प्रकाश और राम नरेश दांगी पर भी हमला कर दिया। उन्होंने पहले लाठी-डंडों से पीटा, फिर गोली मार दी।

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