लायंस डेन गोमाबाई नेत्रालय के सामने नीमच मैं चल रही "हस्तकला" राष्ट्रीय हस्तशिल्प एवं हथकरघा प्रर्दशनी में कई राज्यों से आए शिल्पी एवं बुनकर अपने-अपने प्रदेश की खास हस्तकला लाए हैं बनारस की नक्काशीदार साड़ी एवं सूट,जम्मू कश्मीर की शॉल, लखनऊ का चिकन वर्क के कुर्ते, खादी के शर्ट, कुर्ते पजामा,जयपुर की 20 ग्राम की जुती हो या बटिक प्रिंट मै सूट, कुर्ते, गाउन, दिल्ली एवं मुंबई की इमिटेशन ज्वेलरी, हैंडलूम की बेडशीट, चंदेरी एवं माहेश्वरी में प्रिंटेड साड़ी एवं सूट को काफी पसंद किया जा रहा है । इस बार प्रदर्शनी में इंडोनेशियन बटिक मैं बनाई गई वर्ली प्रिंट में चादर एवं कुर्ते ग्राहकों को अपनी और आकर्षित कर रहे हैं । जिसमें वर्ली जाती के आदिवासियों के जीवन शैली पर आधारित चादरें जिस पर अत्यंत सावधानी से कार्य करना पड़ता है इसकी जमीन पर बटिक के परंपरागत क्रैक्स दर्शा कर इसकी मौलिकता को यथासंभव कायम रखने का प्रयास किया गया है इस को बनाने मैं सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें ड्राइंग के लिए नेचुरल एव फैब्रिक रंगों को कुछ अलग विधि से तैयार कर प्रयोग में लाया गया है इस चादर को कई रंगों से सजाया गया है जिसमें भली-भांति देखा जा सकता है जिस से चादर की खूबसूरती से निखरा आ गया है और यह प्रयास किया गया है कि रंगों का प्रयोग इस प्रकार से किया जाए जिसमें अनेक वास्तविक स्वरुप का भान हो कलरफुल टपिंग इस प्रकार इस प्रक्रिया को पूरा किया गया है इसके बाद रंग रजिस्टर किया गया है तदोपरांत दो बार रंगा (डाई) किया गया है इस पूरी प्रक्रिया में करीब 15 दिन का समय लगता है इस कला की कीमत लगभग 7000/= से अधिक है यह चादर सिर्फ बटिक ही नहीं बल्कि श्रेष्ठ पेंटिंग स्केच का भी प्रमाण है और उसमें छपाईगार की महारत को सामने ला रही है यह अपने आप में बिरला प्रयोग जिसमें इसने सारे रंग का प्रयोग किया गया है आयोजक हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट आर्टिजन वेलफेयर सोसाइटी इंदौर की प्रिया पुरोहित ने बताया कि देश के अनेक राज्यों से आए शिल्पकार यहां अपनी हस्तकला का प्रदर्शन कर रहे हैं इस अवसर पर ग्राहकों के लिए विशेष उपहार लकी ड्रॉ के माध्यम से दिया जाएगा यह प्रदर्शनी 16 मार्च तक चलेगी नीमच के शिल्प प्रेमियों द्वारा अपनी जरूरत का समान खरीदी कर शिल्पियों एवं बुनकरो का उत्साह वर्धन किया है ।