प्रदेश की भाजपा सरकार की झूठी घोषणाओं की बड़ी विफलता नीमच जिले के 719 परिवार भुगत रहे है। जिले के तीनों भाजपा विधायक मृतकों के साथ भी न्याय नही कर पा रहे है। प्रदेश सरकार की संबल योजना के तहत जिले में लंबे समय से मृत्यु सहायता के प्रकरण लंबित है। हालात यह है कि जिले में 719 मृतक के परिवारजनों के शासन पर मृत्यु सहायता के 14 करोड़ 38 लाख रुपये बकाया है । जिनमें से 2020 से लेकर वर्तमान तक के प्रकरण पेडिंग है, लेकिन विडंबना यह है कि मृतकों के परिवारजनों को यह राशि कब मिलेगी इस पर नीमच जिले के निर्वाचित जनप्रतिनिधि तीनों विधायक इस मामले में मौन है और राशि दिलवाने की कोई पहल नही कर रहे है।
यह बड़ा खुलासा कांग्रेस नेता और जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की शिवराज सरकार बार बार झूठी घोषणाएं कर वाहवाही लेती है लेकिन सहायता देने के नाम पर लोगों का मजाक बनाती है। भाजपा सरकार ने गरीबों को राहत देने के लिए संबल योजना शुरू की थी, लेकिन वर्तमान में शिवराज सरकार यह संबल योजना खिलवाड़ साबित हो रही है। योजना में संबल योजना के तहत असंगठित श्रमिक कार्डधारी की सामान्य मृत्यु होने पर उसके वारिस को 2 लाख रूपए की संबल सहायता देने का प्रावधान है, जबकि दुर्घटना में मृत्यु होने पर 4 लाख रूपए की राशि मिलती है, लेकिन चौकानें वाली बात ये है कि नीमच जिले में 5 या 10 नहीं 719 मृतकों के परिवार को लंबे समय से मृत्यु सहायता राशि मिलने का इंतजार है, जो करीब 14 करोड़ 38 लाख रूपए है।
तीन विधायक सत्ता पक्ष के फिर भी ऐसे हालात-
कांग्रेस नेता बाहेती ने आरोप लगाया कि वर्तमान में प्रदेश में सरकार भाजपा की है और तीनों विधायक भी सत्ता पक्ष के है, जिसमें एक प्रदेश सरकार की कैबिनेट में मंत्री भी है, लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बाहेती ने कहा कि किसी परिवार जन की मृत्यु हो जाने से पहले ही परिवार दुखी रहता है और उस पर भाजपा के जनप्रतिनिधि घर-घर जाकर झूठा मरहम लगाकर भरोसा दिलाते है कि सरकार मदद करेगी लेकिन सरकार सही समय पर उनकी मदद नहीं करती जिससे उनका दुख और बढ़ जाता है। बाहेती ने कहा कि मृतक लोगों का पैसा तो कम से कम सरकार को समय पर दे ही देना चाहिए जिससे ये पैसा परिवारजन के काम आ सके। आज कई परिवारों के पैसे 2 वर्ष बीत जाने पर भी नही मिल रहे जिससे परिवारजन जनपद पंचायत और नगरीय निकायों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें उचित जवाब नहीं मिल पा रहा है। अधिकारी-कर्मचारियों के पास सिर्फ ये ही जवाब रहता है कि जैसे शासन से फंड जारी होगा, मृत्यु सहायता की राशि खाते में ट्रांसफर की जाएगी। जिले में संबल योजना के तहत जनपद पंचायतों और नगरीय निकायों के 719 प्रकरण मृत्यु सहायता के लंबित है, जिसमें 2020 से लेकर अब तक के प्रकरण शामिल हैं, लेकिन विचारपूर्ण स्थिति यह है कि 2020 से 2022 के बीच भी कई प्रकरणों का निराकरण हुआ है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब फंड नहीं है तो फिर कैसे विशेष मामलों में राशि जारी हो गई। कहीं न कहीं ये बात भ्रष्टाचार की और इशारा करती है। बाहेती ने कहा कि यह बात समझ से परे है पुराने प्रकरण यथावत पेंडिंग है और नए प्रकरणों का भुगतान होता रहता है। कुछ मामलों में भ्रष्टाचार होने की जानकारी भी सामने आई है जिसमे जल्दी राशि देने में कमीशन की मांग की गयी है ऐसे मामलों में शपथ पत्र के साथ शिकायत दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है।
कहा कितने प्रकरण लंबित-
कांग्रेस नेता बाहेती ने जिले की जनपद पंचायतों और नगरीय निकायों में संबल योजना के तहत लंबित मृत्यु सहायता के प्रकरणों के आंकड़ों का खुलासा करते हुए बताया कि 215 जनपद पंचायत नीमच, 77 जनपद पंचायत जावद, 323 जनपद पंचायत मनासा, 13 नगरपालिका नीमच, 23 नगर परिषद् जावद, 11 नगर परिषद् मनासा, 9 नगर परिषद् रतनगढ, 7 नगर परिषद् रामपुरा,3 नगर परिषद् अठाना, 3 नगर परिषद् नयागांव, 2 नगर परिषद् सरवानिया महाराज व 2 नगर परिषद् सिंगोली में मृत्यु सहायता के प्रकरण लंबित है, जिसमें 684 प्रकरण सामान्य मृत्यु के है, जबकि 35 प्रकरण ऐसे हैं, जिनकी दुर्घटना में मृत्यु हुई है। इन सभी प्रकरणों में करीब 14 करोड़ 38 लाख की राशि के इंतजार में मृतकों के आश्रित है।