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नाम की लड़ाई और मंच पर कुर्सी, सदस्यों के बहिष्कार का प्रेस नोट, जिलाध्यक्ष की समारोह से दूरियां, बनी चर्चा का विषय, आखिर क्यों पहुंचे सदस्य विधायक के पास, पढ़िए खास खबर

Pradesh Halchal - डेस्क रिपोर्टर August 28, 2022, 10:37 am Technology

नीमच भाजपा की राजनीति में अब नाम को लेकर घमासान शुरू हो गया। जिसमें कहीं नाम नहीं छापकर सम्मान से वंचित किया जा रहा है तो कहीं मंच पर कुर्सी पाने के लिए समारोह से दूरियां बनाई जा रही है। और दबाव बनाया जा रहा है।  ऐसे में जिस जनता ने जनप्रतिनिधि को चुना है उन्हें शासन की योजनाओं का सही लाभ कैसे मिलेगा। यह एक बड़ा सवाल खड़ा होता दिखाई दे रहा हैं।

ताजा चर्चा 27 अगस्त को जिला पंचायत में आयोजित होने वाले जिला स्तरीय स्वरोजगार एवं रोजगार दिवस के अवसर पर समारोह के दौरान देखी गई। इस समारोह से नीमच जनपद सदस्यों ने दूरियां बनाई तो वही जावद और मनासा के सदस्य समारोह में शामिल होते हुए शासन की योजनाओं को गरीब तबके तक पहुंचाने के लिए सहभागी बने।

नाम को लेकर प्रेस नोट बना चर्चा का विषय

नीमच जनपद अध्यक्ष की कुर्सी शुरू से ही चर्चा का विषय दिखाई दी। कुर्सी पाने के लिए हर दम खम बाजार में चर्चा का विषय रहा। अब मंच पर कुर्सी पाने के लिए भी बहिष्कार की तस्वीरें देखी जा रही हैं। दरअसल जिला पंचायत मैं 27 अगस्त को आयोजित होने वाले जिला स्तरीय स्वरोजगार एवं रोजगार दिवस के अवसर पर समारोह के आमंत्रण कार्ड में नीमच जनपद अध्यक्ष का नाम नहीं होने से एक प्रेस नोट जारी हुआ। जिसमें नीमच जनपद अध्यक्ष का नाम नहीं छापने से सदस्य समारोह में शामिल नहीं होंगे। बाद में कुछ समय पश्चात इस प्रेस नोट से असहमति भी जताई गई थी।

मंच पर कुर्सी क्यों चाहिए

नीमच जिला स्तर पर होने वाले समारोह में नाम नहीं छपने को लेकर सिर्फ नीमच जनपद अध्यक्ष की नाराजगी देखी गई, जबकि जिले में 3 जनपद हैं नीमच, जावद और मनासा। जावद मनासा के किसी भी जनपद अध्यक्ष और सदस्य सहित किसी भी जनप्रतिनिधि की नाराजगी सामने नहीं आई, जबकि जिला स्तरीय समारोह के कार्ड में किसी भी अध्यक्ष का नाम नहीं छपा था। ऐसे में बाजार में चर्चा का दौर गर्म होता दिखाई दे रहा है।

नहीं छपा नाम तो विरोध और छपा तो दूरियां

शहर के चौराहे पर चर्चा है कि कोठी स्कूल समारोह के दौरान जिलाध्यक्ष का नाम नहीं छपने से सोशल मीडिया पर उनके चाहने वालों ने नाराजगी व्यक्त की थी, अब जिला पंचायत के समारोह में नाम छपने के बाद भी जिलाध्यक्ष ने समारोह से दूरियां बना कर रखी। आखिर इसके पीछे कोई तो वजह होगी। कहीं ऐसा तो नहीं कि यह गुटबाजी के चलते हैं तस्वीरें अब आए दिन दिखाई देगी।

सदस्यों पर बनाया दबाव

चर्चा है कि अध्यक्ष का नाम नहीं छपने को लेकर जिन सदस्यों का प्रेसनोट में उल्लेख किया गया उन सदस्यों को इस बहिष्कार के बारे में कोई जानकारी थी, ना कोई सहमति थी, यहां तक की बातचीत के दौरान एक जनपद सदस्य ने बताया कि शासन के आयोजन का हम बहिष्कार नहीं कर सकते, जनता ने हमें चुना है हमें शासन की योजनाओं को उन तक पहुंचाना हमारा दायित्व है, बहिष्कार को लेकर ना तो हमसे पूछा गया था न हीं प्रेस नोट को लेकर हमारी सहमति थी। हालांकि समारोह से दूरियां बनाने को लेकर उन्होंने गोलमाल जवाब दिया।

विधायक के पास पहुंचे थे सदस्य

शहर में चर्चा है कि जिला पंचायत में समारोह खत्म होने के बाद कुछ जनपद सदस्य विधायक से मुलाकात करने पहुंचे और उन्होंने पूरी बात बताई कि किस प्रकार से उन पर समारोह में शामिल नहीं होने के लिए दबाव बनाया गया। जनपद सदस्य समारोह में शामिल होना चाहते थे। उनको बहिष्कार के प्रेसनोट जानकारी  थी न ही पूछा गया था।  

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