नीमच जिले के अंतिम छोर बसे सिंगोली नगर परिषद में करोड़ों की कीमत के फर्जी भूखंड आवंटन का मामला सामने आया। इस भूखंड के लिए शिवपुरी में वर्ष 2022 में रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार हुए सिंगोली के तत्कालीन तहसीलदार सुधाकर तिवारी ने आदेश किया था। जिसके बाद तत्कालीन सीएमओ ने फर्जी भूखंड का आवंटन कमल शर्मा को किया गया जो वर्तमान में नगर परिषद में वार्ड 12 में पार्षद भी हैं।
वर्ष 2002 में निरस्ती आदेश
मिली जानकारी के अनुसार राजीव नगर आवास योजना में भूखंड क्रमांक 167 आवंटन के बाद नीलामी राशि जमा कराने के लिए नगरपालिका के कई बार सूचना पत्र जारी किया बावजूद राशि जमा नहीं कराई गई। जिसको लेकर दिसंबर 2002 में भूखंड क्रमांक 167 कमल कुमार पिता मदनलाल शर्मा के नीलामी को निरस्त किया गया।
वर्ष 2021 में जारी प्रमाण पत्र
नगरपालिका सिंगोली के अध्यक्ष सुनीता राजकुमार मेहता का कार्यकाल खत्म होने के बाद वर्ष 2021 में प्रशासक रहे तत्कालीन तहसीलदार सुधाकर तिवारी ने आदेश पारित किया, जिसमें फर्जी तरीके से कमल कुमार पिता मदनलाल शर्मा के नाम पर भूखंड का आवंटन किया गया है। जिसकी वर्तमान में करोड़ों की कीमत बताई जा रही है। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि क्या नवागत अध्यक्ष सुरेश जैन करोड़ों की भूमि के इस फर्जीवाड़े के मामले को संज्ञान में लेंगे या फिर नगर परिषद में पार्षद होने के चलते उनके इस मामले पर पर्दा डाल दिया जाएगा।
थड़ोद पंचायत में भी आया था फर्जी प्लांट आवंटन मामला
सिंगोली के समीप थड़ोद ग्राम पंचायत में भी कुछ समय पहले गरीबो को आवंटित होने वाले प्लांट आवंटन प्रकिया में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था। जिसमे ग्रामीणों ने तहसीलदार सुधाकर तिवारी पर गंभीर आरोप लगाए थे। मामले में एसडीएम ने पंचायत के सरपंच और सचिव के खिलाफ कार्यवाही करते हुए प्लांट आवंटन प्रकिया को निरस्त किया था।
यह है नीलामी के नियम
नगर परिषद के जानकार बताते हैं कि नगर परिषद में अगर एक बार नीलामी की प्रक्रिया होती है और नोटिस के बाद भी अगर नगर परिषद को राशि नहीं जमा कराई जाती और नगर परिषद मामले में अगर निरस्तीकरण का आदेश जारी करती है तो उसके बाद भूखंड नपा की सम्पति होता है, दोबारा से परिषद को उक्त भूखंड की नीलामी प्रक्रिया करनी होती हैं।
यह है जिम्मेदारों का कहना
गोलमाल जवाब -