पत्रकारिता की आड़ में ब्लैक मेलिंग और सोशल मीडिया पर लोगों की छवि खराब करना इन दिनों जिले का एक चलन बन चुका है। जैसा कि पूर्व के एपिसोड में बताया था कि दारू की बोतल के लिए एक बेवड़ा इन दिनों लोगों की छवि खराब करता फिर रहा है।
ऐसे ही अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना काल में लोगों की सेवा कर रहे ग्राम रक्षा समिति के सदस्यों पर भी अपनी चमकोमाइजिग दिखाने यह फर्जी पतलकार पहुंचा था। जहां इसके लोगों ने चनगट्टे भी उड़ाए थे। और जमकर इसकी सुताई हुई थी। बाद में इसको पकड़कर थाने ले जाया गया जहां इसने पुलिस के सामने वीडियो में रोते हुए मुंह पर रुमाल बांधकर माफी मांगी और कहा कि मेरा झगड़ा ग्राम सुरक्षा समिति के सदस्यों से हो गया था और मैं इन लोगों से अपनी गलती के लिए माफी मांग रहा हूं कि मैं इनके साथ दादागिरी करने पहुंच गया था और इनको चमका रहा था। मैं इसके लिए माफी मांगता हूं और माफीनामा भी लिखित में दे रहा हूं।
इसके माफीनामा के बाद में इसकी थाने में भी जमकर सुताई हुई थी तब यह समाज के लोगों के बीच अपनी गरीबी का रोना रोने लगा तब जाकर लोगों ने इसे माफ किया। और फिर इसे वहां से भगा दिया गया था।
लेकिन इन दिनों शहर में दारू और पैसों के लिए सोशल मीडिया पर लोगों की छवि खराब करने को लेकर सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। जिसके खिलाफ कुछ पार्षदों ने तो कोर्ट में मानहानि के प्रकरण की तैयारी तक कर ली है। अब जल्द यह सलाखों के पीछे होगा।