मध्यप्रदेश के मंदसौर में मानव तस्करी के मामले में पुलिस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जो महिला व नाबालिग युवती को एक दूसरे को बेचते थे। एसपी अनुराग सुजानिया ने खुलासा करते हुए बताया कि अफजलपुर थाना क्षेत्र में एक ही दिन में 4 लोगों की गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। इनमें 22 वर्षीय विवाहित महिला, उसकी 5 साल की बच्ची, 4 साल का बच्चा और 14 साल की परिवार की एक नाबालिग युवती 7 अप्रैल को अचानक लापता हो गए थे। पुलिस ने एक साल की जांच के बाद सूचना पर नाबालिग युवती को उज्जैन से बरामद किया। इसके बाद पुलिस ने एक-एक कर लापता लोगों को बरामद कर लिया है।
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि गांव की रिश्तेदार आरोपी महिला सुमनबाई पति किशोर नाथ कालबेलिया उसकी मां शैतान बाई पति गोरखनाथ कालबेलिया और एक नाबालिक युवती, पीड़ित महिला और नाबालिग को बहला फुसलाकर रतलाम के जावरा ले गए। यहां आरोपी महिला शैतान बाई के बेटे कैलाश नाथ और एक अन्य युवक राहुल ने उनके साथ ज्यादती की। इसके बाद चारों को कैलाश नाथ जोधपुर राजस्थान ले गया। यहां कृपाल सिंह नाम के शख्स सौंप दिया।
कृपाल सिंह ने विवाहिता और उसके दोनों बच्चो को जोधपुर छोड़ नाबालिग को अपने साथ लेकर उज्जैन के तरोट गांव के रहने वाले विक्रम सिंह पिता राम सिंह सोंधिया को डेढ़ लाख में बेच दिया। विक्रम रुपए लेकर वापस जोधपुर चला गया और विवाहिता के साथ ज्यादती करता रहा।
वहीं, डेढ़ माह बाद आरोपी विक्रम सिंह ने विवाहिता और उसके दोनों बच्चो को आगर मालवा के गणपत पिता शम्भुलाल सूर्यवंशी को 90 हजार में बेच दिया। गणपत का मन भरा गया तो उसने डग बड़ोद तहसील के लसूड़िया गांव के सरपंच के साथ मिलकर राजस्थान के झालावाड़ जिले के नागूलाल पिता प्रभुलाल मेघवाल को डेढ़ लाख में बेच दिया। पुलिस ने मामले में विवाहिता और उसके दोनों बच्चो सहित नाबालिग युवती को बरामद कर लिया है। मामले में मानव तस्करी करने वाले नाबालिग युवती और 2 महिलाओं सहित 10 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।