जिस देश का सैनिक सजग है ।जिस देश की सीमाएं सुरक्षित है ।इस देश के सैनिकों का सम्मान होता है ।वहां राष्ट्र का विकास हो सकता है। सैनिक के सम्मान बिना राष्ट्र का विकास संभव नहीं होता है।
यह बात ओजस्वी प्रवक्ता भागवताचार्य भीमाशंकर शास्त्री धारिया खेड़ी वाले ने कही। वे श्री बालाजी कुड़ी मंदिर सेवा विकास समिति कानाखेड़ा विजलवास बामनिया रात्तडिया नीमच के तत्वाधान में बालाजी कुड़ी मंदिर कानाखेड़ा बामनिया के बीच में हनुमान जन्मोत्सव के पावन उपलक्ष में 15 अप्रैल शुक्रवार को दोपहर 12:से 3 बजे तक आयोजित श्री भक्त चरित्रामृत कथा मैं बोल रहे थे। उन्होने कहा कि लोग बीपीएल में नाम लिखवा कर स्वयं को गरीब बना कर गौरवान्वित महसूस हो रहे हैं चिंता का विषय है गरीबी की सूची के आधार पर ही विश्व बैंक से सहायता मिलती है। गलत सर्वे कर संपत्ति वाले लोगों को गरीब बी का सर्वे बताने वाले अधिकारी कर्मचारी भी दोषी है राष्ट्र के लिए इस प्रकार का अनुचित कदम नहीं उठाना चाहिए यह देश के लिए नुकसान और घातक कार्य सिद्ध हो सकता है। राष्ट्र सेवा सर्वोपरि होती है।
खंडवा में शोभायात्रा पर पथराव करने वाले देश वासी नहीं हो सकते वह अपराधी ही हो सकते हैं। पथराव करना ठीक नहीं है पथराव की घटना की व्यासपीठ से निंदा की जाती है। देश में ऐसी घटना होती है तो देश का विकास मुश्किल हो सकता है ।देश की एकता और अखंडता के लिए ठीक नहीं है। पथराव के दोषी लोगों को चौराहे पर फांसी देना चाहिए । धर्म में राजनीति नहीं हो लेकिन राजनीति पर धर्म का अंकुश होना चाहिए। भारतीय संस्कृति और को सेवा को युवा वर्ग जीवन में आत्मसात करें तो सफल हो सकता है। धर्म की रक्षा के लिए हिंसा करनी पड़े तो मैं पाप की श्रेणी में नहीं आता है। श्री कृष्ण ने भी शिशुपाल को सो गाली तक माफी दी थी। उसके बाद सुदर्शन चक्र से मौत की सजा सुनाई थी । ।जब भी देश में भगवा ध्वज की संस्कृति की रक्षा की बात आए तो सभी समाज वर्ग संगठित रहें। सैनिकों के सम्मान बिना राष्ट्र का विकास नहीं हो सकता है ।इस बात का युवा वर्ग के सदैव ध्यान रखें ।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व का सबसे बड़ा के राजनीतिक संगठन है उसके 2000 जिला प्रचारक पूरे देश में कार्यरत है। उन्होंने सनातन धर्म को कहां से कहां तक पहुंचा दिया है। प्रचारक का योगदान राष्ट्र विकास के लिए सम्मान योग्य कदम है। प्रचारक हिंदू समाज के विकास की रीड की हड्डी होते हैं। आज के बच्चे कहते हैं कि मां-बाप कुछ नहीं जानते हैं जबकि शास्त्र कहते हैं कि माता-पिता को देव तुल्य मानकर प्रणाम करना चाहिए। सास बहू की लड़ाई में पति को मां की तरफ बोलना चाहिए क्योंकि मां ने ही उसे जन्म दिया है और उसकी जिंदगी में पहले आती हे। पत्नी की गलती को ही सुधार सकते हैं ।सुभाष चंद्र बोस ने कहा था कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा उसी प्रकार मैं देशवासियों से आहृवान करता हूं कि तुम मुझे युवान दो मैं तुम्हें संस्कारवान युवा दूंगा ।भागवत कथाओं में युवाओं और बच्चों को भी सहभागिता निभाना चाहिए तभी यह भागवत कथा का कार्यक्रम सार्थक सिद्ध हो सकता है। भागवत कथा के मध्य छप्पन भोग और गिरिराज पर्वत उत्सव की झांकी सजाई गई।
युवा वर्ग सैनिकों के सम्मान के लिए सदैवआगे बढ़े हैं जो हमारे लिए आदर्श प्रेरणादायक प्रसंग है आरती और श्रीमद् भागवत पूजन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक रामजी, जिला पंचायत अध्यक्ष अवंतिका मेहर सिंह जाट महेंद्र आदि अतिथि उपस्थित थे। कथा के मध्य जब भागवताचार्य भीमाशंकर जी शास्त्री ने कृष्ण रुक्मणी विवाह का प्रसंग बताया तो भक्ति पांडाल में कृष्ण रुक्मणी विवाह की झांकी प्रस्तुत की गई जिसमें कृष्ण का अभिनय संगीता नागदा ने तथा रुक्मणी का अभिनय अनु नागदा ने निभाया। महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।