शासकीय भूमि पर हुए अवैध निर्माण के खिलाफ शिकायत पर जावद निवासी महिला शिकायतकर्ता ने कलेक्टर को लिखित शिकायत करते हुए तहसीलदार शत्रुघ्न चतुर्वेदी को निलंबित करने की मांग की।
जावद निवासी महिला शिकायतकर्ता गणमाला देवी पति स्वर्गीय अशोक कुमार नीमावत ने शिकायत करते हुए तहसीलदार शत्रुघ्न चतुर्वेदी पर आरोप लगाए की शासकीय नाले व इससे लगी जमीन पर अतिक्रमण करने वालों पर कार्यवाही करने के बजाय उन्हें बचा रहे है। साथ ही महिला ने शिकायत में आरोप लगाया है कि तहसीलदार ने भ्रष्टाचार कर जांच प्रतिवेदन में एसडीएम को गलत जानकारी प्रेषित की है। अब इस मामले में सिर्फ आदेश होना बाकी है।
शिकायतकर्ता ने सूचना के अधिकार अधिनियम से जानकारी प्राप्त कर दस्तावेजों के साथ जिला कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक तहसीलदार की शिकायत की एवं तहसीलदार को निलंबित करने की मांग की है।शिकायतकर्ता वार्ड नंबर 3, शिव सागर कॉलोनी जावद तहसील जावद जिला नीमच निवासी गणमाला देवी पति स्वर्गीय अशोक कुमार नीमावत है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि जावद नगर के वार्ड नंबर 3 शिव सागर कॉलोनी में विपक्षीगण दशरथ मल जैन एवं उनके पुत्र त्रिलोक जैन ने स्वयं के मकान की तय सीमा 30 फीट से आगे बढ़कर करीब 47 फीट लंबे हिस्से में मकान का निर्माण कर लिया है। उनके द्वारा करीब 17 फीट शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया गया है। शिकायतकर्ता के अनुसार विपक्षीगण के मकान की रजिस्ट्री (विक्रय पत्र) दिनांक 27 मई 1986 में मकान की सीमा उत्तर से दक्षिण की ओर 30 फीट दर्शाई गई है लेकिन विपक्षीगण ने दक्षिण दिशा में स्थित शासकीय नाले व इससे लगी करीब 17 फीट शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर लिया। इस अतिक्रमण को लेकर शिकायतकर्ता ने दिनांक 21 अक्टूबर 2020 व दिनांक 5 जनवरी 2021 को लिखित शिकायत की, जिस पर दिनांक 24 जनवरी 2021 को तहसीलदार जावद ने मामले में स्थगन आदेश जारी करते हुए विपक्षीगणों को मकान निर्माण रोकने के संबंध में आदेशित किया और स्वयं के यहां प्रकरण क्रमांक- 0006/ब-121/2021-22 दर्ज किया।
उक्त मामले में मौजा पटवारी व नगर परिषद के उपयंत्री को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए। इसके उपरांत 28 अक्टूबर 2021 को मौजा पटवारी ने पंचनामा, नजरी नक्शा व प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, जिसमें करीब 17 फीट शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर 30 के स्थान पर 47 फीट भूमि पर निर्माण किए जाने की बात स्पष्ट हुई। इसके बावजूद जावद तहसीलदार शत्रुघ्न चतुर्वेदी ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने की बजाय अपने जांच प्रतिवेदन में मात्र नक्शाविहीन ग्राम होने का हवाला देकर विपक्षीगण द्वारा करीब 17 फीट शासकीय भूमि, जिसमें नाला भी शामिल है, को अतिक्रमण मुक्त कर दिया एवं प्रकरण को दिनांक 14 मार्च 2022 को एसडीएम के समक्ष आदेशार्थ प्रस्तुत कर दिया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाए की इस तरह जावद तहसीलदार शत्रुघ्न चतुर्वेदी ने अपने दायित्वों का निर्वहन न कर बड़ा भ्रष्टाचार किया एवं अतिक्रमणकारी विपक्षीगणों को बचाने का प्रयास किया। शिकातकर्ता ने शिकायत करते हुए दोषियों पर कार्यवाही और न्याय की मांग की।
इनका कहना
जावद तहसीलदार शत्रुघ्न चतुर्वेदी की कहना है की प्रतिवेदन एसडीएम को प्रस्तुत कर दिया है, इसमें निर्णय उनके द्वारा ही लिया जाएगा और जहां तक आरोपो के संबंध में बात है तो मेरे कोई रिश्तेदार नही है कि मैं किसी का अतिक्रमण बचाने की कोशिश करू, दोनो का आपसी विवाद है एक रास्ता बंद करवाना चाहता हे दूसरा मकान गिरवाना चाहता है । उचित निर्णय एसडीएम महोदय द्वारा लिया जोयगा। - शत्रुघ्न चतुर्वेदी तहसीलदार ।