उदयपुर में पुलिस का घिनौना चेहरा सामने आया है। एक एएसआई और कांस्टेबल ने आदिवासी शादीशुदा महिला और उसके माता-पिता को जबरन रात भर चौकी में रखा। जहां कांस्टेबल ने उससे रेप का प्रयास किया। इतना ही नहीं महिला से खाना बनवाया और जूठे बर्तन भी साफ कराए। दोनों पुलिसकर्मी उसे अपनी निजी स्कॉर्पियो में बैठाकर दो दिन तक गुजरात भटकते रहे। वहां भी उससे छेड़छाड़ की।
बाद में मामले को तूल पकड़ता देख पुलिसकर्मी महिला और उसके परिजनों के साथ मारपीट कर गुजरात छोड़कर भाग आए। मामले में विधायक और ग्रामीणों के दखल के बाद मुकदमा दर्ज हुआ। जिसके बाद एसपी ने कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया है। वहीं, एएसआई और थानाधिकारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
दरअसल, पानरवा थाना की डैया चौकी के एएसआई राजकुमार और कांस्टेबल जितेन्द्र कुमार के पास 5 साल पहले गुमशुदा हुई एक 26 वर्षीय युवती के मामले की जांच थी। पुलिस को शक था कि गुमशुदा युवती के बारे में शादीशुदा महिला को जानकारी है। महिला ने रिपोर्ट में बताया कि इस शक में उसे और उसके माता-पिता को निजी स्कॉर्पियो में बैठा लिया। यहां से वे उसे गुजरात के विसनगर ले गए। दिनभर तलाश के बाद उसे रात को डैया चौकी लेकर पहुंचे।
महिला पुलिसकर्मी नहीं होने के बावजूद महिला को थाने में रहने के लिए मजबूर किया। शाम का खाना बनवाने के बाद कांस्टेबल जितेन्द्र सिंह ने महिला को खुद के कमरे में और उसके माता-पिता को अलग कमरे में सोने को कहा। थोड़ी देर बाद कांस्टेबल जितेन्द्र कमरे में आया और दुष्कर्म करने का प्रयास करते हुए कपड़े फाड़ दिए। चिल्लाने पर उसकी मां वहां पहुंची। इसके बाद कांस्टेबल ने पीड़िता को कमरे से बाहर निकाल दिया और किसी को बताने पर जेल में डालने की धमकी दी।
थाने में झाड़ू-पोंछा कराया
पीड़िता ने रिपोर्ट में बताया कि अगले दिन सुबह भी डैया चौकी पर खाना बनवाने के साथ ही झाडू-पोछा करवाया। फिर सुबह उसे निजी कार में गुजरात के विसनगर ले जाया गया। जहां कांस्टेबल जितेन्द्र कुमार ने उससे कई बार छेड़छाड़ की। शुक्रवार शाम को महिला के परिजनों ने ग्रामीणों को पुलिस की करतूत की जानकारी दी। गांव के पंचों ने एएसआई राजकुमार व कांस्टेबल जितेन्द्र से फोन पर संपर्क किया। बिना महिला पुलिसकर्मी किसी महिला को जांच में ले जाने पर सवाल उठाए तो दोनों पुलिसकर्मी घबरा गए। आनन-फानन में पीड़िता और उसके मां-बाप को मारपीट करने के बाद विसनगर छोड़कर फरार हो गए।
गुजरात में रात काटनी पड़ी
पीड़िता और उसके परिजनों ने गुजरात में ही रात काटी। शनिवार दोपहर पीड़िता अपने मां-बाप के साथ गांव पहुंची और घटनाक्रम की जानकारी दी। रविवार दोपहर झाड़ोल विधायक बाबूलाल खराड़ी के नेतृत्व में पीड़िता सहित लगभग सात दर्जन लोग पानरवा थाने पहुंचे। थानाधिकारी सहित एएसआई व कांस्टेबल के खिलाफ रिपोर्ट पेश की। पुलिस इस मामले को दर्ज करने में आनाकानी करती रही। मामला बिगड़ता देख सूचना के बाद कोटड़ा डीएसपी भी पानरवा थाने पहुंचे।
पुलिस ने सारे नियम तोड़ दिए
मामले में पुलिस ने जांच के नाम पर सभी नियमों को ताक पर रख दिया। बगैर महिला पुलिसकर्मी के पीड़िता सहित उसकी मां को घर से उठा लिया। पुलिस के पास किसी तरह का वारंट नहीं था। इतना ही नहीं बगैर अनुमति के पुलिस दूसरे राज्य में भी अपनी निजी गाड़ी लेकर गई। थानाधिकारी नाथू सिंह का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। जबकि किसी भी दूसरे राज्य में जांच से पहले थानाधिकारी से परमिशन लेनी होती है। जिस डैया चौकी में पीड़िता को रखा वहां भी कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं थी।
उदयपुर एसपी मनोज चौधरी का कहना है कि विधायक और पीड़िता की रिपोर्ट के बाद आरोपी कांस्टेबल जितेन्द्र को सस्पेंड कर दिया। महिला पुलिसकर्मी को साथ नहीं रखने के मामले में लापरवाही बरतने वाले थानाधिकारी नाथू सिंह और एएसआई राजकुमार को भी लाइन हाजिर किया है। डीएसपी द्वारा मामले की जांच की जा रही है। पीड़िता को भी सुरक्षा दी जाएगी।