सिंगोली - मुकेश माहेश्वरी
December 15, 2025, 1:42 pm
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सिंगोली(मुकेश माहेश्वरी) 23वें तीर्थंकर प्रभु पार्श्वनाथ का जन्म पोष वदी दशमी के दिन वाराणसी में हुआ था तथा पोष वदी ग्यारस के दिन उनकी दीक्षा संपन्न हुई थी। जैन धर्म में ये तिथियाँ अत्यंत पावन एवं मंगलकारी मानी जाती हैं। इस अवसर पर नवमी, दशमी एवं ग्यारस को अट्ठम तप (तीन उपवास) कर धर्म आराधना की जाती है।
इसी कड़ी में सिंगोली नगर में पोष वदी दशमी की तीन दिवसीय आराधना बड़े ही हर्षोल्लास एवं श्रद्धा के साथ संपन्न हुई। इस दौरान श्रद्धालुओं द्वारा अट्ठम तप के साथ प्रतिदिन मंदिर में स्नात्र महोत्सव आयोजित किया गया।
पोष वदी दशमी, जन्म कल्याणक के दिन प्रभु पार्श्वनाथ का भव्य वरघोड़ा नगर में निकाला गया। इसके पश्चात मांगलिक भवन छत्री बाग में श्री संघ की ओर से स्वामीवात्सल्य का आयोजन किया गया। दोपहर में प्रभु की सुंदर एवं मनोहारी आंगी रची गई, वहीं सायंकाल 108 दीपकों से तीन लोक के नाथ की भव्य महाआरती उतारी गई। इसके पश्चात मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी गई, जिससे संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो उठा।
पोष वदी ग्यारस को प्रभु पार्श्वनाथ के दीक्षा कल्याणक को जीव दया के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर समीप स्थित नारायण गोशाला, कछाला में समाजजनों द्वारा गायों को गुड़ एवं लापसी खिलाई गई।
इस अवसर पर जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ सिंगोली के अध्यक्ष विनोद गांधी सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित रहे।