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मंत्री जी के क्षेत्र में पटवारी को धमकाने का मामला, तहसील कार्यालय लगे सीसीटीवी कैमरे, आखिर क्यों दबाव में प्रशासन, कार्यवाही की जगह चुप्पी, ज्ञापन के बाद पटवारी संगठन की ख़ामोशी पर भी उठ रहे सवाल,तहसीलदार बोले..., पढ़िए पूरी खबर

जावद - June 15, 2023, 8:22 pm Technology

नीमच जिले के जावद तहसील कार्यालय में घुसकर पटवारी विजय सेवक को भाजपा के नगर परिषद अध्यक्ष सोहन माली, मंडल अध्यक्ष सचिन गोखरू सहित उपाध्यक्ष द्वारा धमकाने का मामला सामने आया था। मामले में पटवारी संघ के बैनर तले तहसीलदार देवेंद्र कच्छावा को ज्ञापन सौंपते हुए कार्यवाही की मांग की गई थी। ज्ञापन के बाद से ही मामला ठंडे बस्ते में दिखाई दे रहा है। कार्रवाई की जगह प्रशासन चुप्पी साधे दबाव में दिखाई दे रहा है।

दरअसल जावद तहसील कार्यालय में 10 जून को तहसील पटवारी संघ के बैनर तले तहसीलदार देवेंद्र कच्छावा को ज्ञापन सौंपा गया और बताया गया कि किस प्रकार से तहसील कार्यालय में 9 जून को दोपहर 12 बजे पटवारी विजय सेवक बैठे थे इसी समय जावद नगर परिषद अध्यक्ष सोहन माली और उपाध्यक्ष पहुंचे और पटवारी को जमीन हेरफेर को लेकर धमकी दी गई। इसी दौरान मंडल अध्यक्ष सचिन गोखरू ने भी तहसील कार्यालय में पहुंचकर पटवारी विजय सेवक को धमकाया और धुआ निकालने की धमकी दे डाली।

एक शासकीय कर्मचारी को शासकीय तहसील कार्यालय में जाकर भाजपा नेताओं द्वारा गुंडागर्दी करते हुए धमकाने के गंभीर आरोप लगे थे, मामले में तहसीलदार के पास ज्ञापन पहुंचा लेकिन 5 दिन बाद भी जावद प्रशासन खामोश दिखाई दे रहा है। और तहसीलदार देवेंद्र कच्छावा का कहना है कि ज्ञापन वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा गया था उनका जैसा निर्देशों होगा कार्यवाही की जाएगी।

आमजन करे तो शासकीय कार्य में बाधा, नेताओं की गुंडागर्दी पर खामोशी क्यों ?

जब किसी सामान्य व्यक्ति द्वारा शासकीय कार्यालय में पहुंचकर अगर किसी शासकीय कर्मचारी को इस तरीके से धमकाया जाता है तो सामान्यतः शासकीय कार्य में बाधा सहित अन्य धाराओं में संबंधित धमकाने वाले व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया जाता है। ऐसे में जावद पटवारी संघ ने जो ज्ञापन सौंपा है उसके अनुसार पटवारी विजय सेवक को शासकीय तहसील कार्यालय में घुसकर भाजपा नेताओं द्वारा गुंडागर्दी करते हुए धमकाने के गंभीर आरोप लगे। लेकिन फिर भी वरिष्ठ अधिकारी इस ज्ञापन पर संज्ञान लेने के बजाय आखिर खामोश क्यों दिखाई दे रहे हैं। कहीं इसके पीछे राजनीतिक दबाव तो नहीं।

संगठन पर भी उठ रहे सवाल, पटवारियों में नाराजगी

तहसील कार्यालय में घुसकर पटवारी को धमकाने के मामले में संगठन ने ज्ञापन देकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली। इससे आगे संगठन ने कोई कदम नहीं उठाया। जबकि हाल ही में चीताखेड़ा मैं पदस्थ पटवारी बहादुर सिंह डाबी की तहसीलदार के नोटिस के बाद हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। इस मौत को पटवारी संगठन भुलाया ही नहीं कि इससे पहले जावद के तहसील कार्यालय में पटवारी को धमकाया गया, जिसके बाद पटवारी का बीपी और शुगर हाई होता हुआ दिखाई दिया। लेकिन फिर भी पटवारी संगठन ने सिर्फ हमेशा की तरह ज्ञापन तक अपनी जिम्मेदारी निभाई। इसको लेकर पटवारियों में अंदर खानों में खासी नाराजगी देखी जा रही है।

खैर अब देखना यह होगा कि तहसील कार्यालय में घुसकर पटवारी को धमकाने का मामला चर्चा का विषय बना। एसडीएम शिवानी गर्ग के पदभार लेने के बाद से ही पूरे तहसील कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ऐसे में आखिर क्यों प्रशासन सीसीटीवी कैमरे नहीं खंगाल रहा, अगर सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो पूरी घटना की कहानी से पर्दा उठ सकता है। हालांकि देखना यह होगा कि पटवारी संगठन ने ज्ञापन सौंपा तो क्या अब प्रशासन निष्पक्ष रूप से कार्रवाई करेगा या भाजपा नेताओं की गुंडागर्दी को ऐसे ही बढ़ावा मिलता रहेगा और दबाव में प्रशासन दिखाई देगा।

इनका कहना

पटवारी संघ ने ज्ञापन सौंपा था जिसको वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा गया है वरिष्ठ अधिकारी जैसा निर्देशित करेंगे उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। - देवेंद्र कच्छावा तहसीलदार जावद।

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