नीमच जिले के जावद विकासखंड के अंतर्गत आने वाले सिंगोली तहसील के काकरिया तलाई निवासी आदिवासी परिवार न्याय की मांग को लेकर सुबह कलेक्ट्रेट कार्यालय में धरने पर बैठा, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में मामला आया तो रतनगढ़ तहसीलदार और प्रशासनिक अमला हरकत में आया और मौके पर नायब तहसीलदार मोनिका जैन, पटवारी और गिरदावर के साथ में पुलिस फोर्स लेकर पहुंची और जेसीबी की सहायता से आदिवासी परिवार की जमीन को अतिक्रमणता के कब्जे से मुक्त करवाया जा रहा है।
यह है मामला
आदिवासी परिवार के फरियादी नंदलाल पिता गुलाबचंद भील और बसंती बाई पति मोहनलाल भील निवासी कांकरिया तलाई को शासन ने पट्टा जारी किया था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि पटवारी बालकिशन धाकड़ के भाई प्रकाश पिता घीसालाल धाकड़ निवासी कांकरिया तलाई में शिकायतकर्ता की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है जिसकी पूर्व में कई शिकायतें की जा चुकी है लेकिन तहसीलदार से लेकर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी सुनने को तैयार नहीं और पीड़ित पक्ष को डराया धमकाया जा रहा है। जिसको लेकर न्याय की मांग को लेकर परिवार शुक्रवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में अपने परिवार के सदस्यों के साथ न्याय की मांग को लेकर धरने पर बैठा।
धरने के बाद हरकत में आया प्रशासन
आदिवासी परिवार ने अपनी जमीन दिलाने की मांग को लेकर जैसे ही कलेक्ट्रेट कार्यालय में धरना शुरू किया तो वरिष्ठ अधिकारियों के मामला संज्ञान में आते ही रतनगढ़ प्रशासन व पुलिस अधिकारी हरकत में आए और तुरंत मौके पर पहुंचकर अतिक्रमणता के कब्जे से आदिवासी परिवार की जमीन को मुक्त करवाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि प्रशासन ने 5 बीघा जमीन को अतिक्रमणता के कब्जे से मुक्त करवाया गया।
जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल
अब सवाल यह खड़ा होता है कि जब आदिवासी परिवार ने कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन किया तो तुरंत आनन फानन में प्रशासन का अमला मौके पर कार्रवाई करते हुए अतिक्रमणता के कब्जे से आदिवासी परिवार की जमीन मुक्त कराने पहुंचा तो फिर स्थानीय स्तर पर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा आदिवासी परिवार की सुनवाई क्यों नहीं की गई। जिसके चलते परिवार को न्याय के लिए कलेक्ट्रेट कार्यालय में धरना प्रदर्शन करना पड़ा।
जिम्मेदारों पर लगाए गंभीर आरोप
पीड़ित आदिवासी परिवार ने धरना प्रदर्शन के दौरान नायब तहसीलदार से लगाकर थाना प्रभारी और पटवारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि न्याय के लिए पीड़ित परिवार अधिकारी के पास पहुंचा तो उसे न्याय दिलाने की जगह उल्टा डराया धमकाया गया।
इनका कहना
अभी मौके पर पहुंचकर दोनों ही शिकायतकर्ता की जमीन को अतिक्रमणता के कब्जे से मुक्त करवाया गया है। प्रकरण चल रहा था सारे आरोप गलत है। - मोनिका जैन नायब तहसीलदार रतनगढ़।