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हाईकोर्ट ने एडीएम को लगाई फटकार, और लगा दिया 10000 का जुर्माना, जानिए क्या है मामला 

Pradesh Halchal October 30, 2023, 2:30 pm Prasasanik

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में वित्तीय संपत्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण और सुरक्षा हित प्रवर्तन अधिनियम (सरफेसी अधिनियम) के तहत कार्यवाही से निपटने के दौरान कानून की “अपनी सुविधा के अनुसार” व्याख्या करने के लिए एक अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) की आलोचना की. एसएमएफजी इंडिया क्रेडिट कंपनी लिमिटेड बनाम एडीएम इंदौर एवं अन्य मामले की सुनवाई के दौरान ऐसा हुआ.

न्यायमूर्ति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा की पीठ ने इंदौर में एडीएम पर ₹10,000 का जुर्माना लगाया, यह मानते हुए कि उनके कार्यों के कारण न्यायालय का समय बर्बाद हुआ है.

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बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार अदालत ने अपने आदेश में कहा गया, “इस न्यायालय की राय है कि जानबूझकर अपनी सुविधा के अनुसार कानून की व्याख्या करने के लिए संबंधित अधिकारी पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए… अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, इंदौर पर कीमती समय बर्बाद करने के लिए 10,000/- रुपये का जुर्माना लगाया जाता है. इस अदालत का उपयोग अधिक दबाव वाले मामलों पर निर्णय लेने में किया जा सकता था.”

अदालत एक ऐसे मामले का निपटान कर रही थी, जहां एक सुरक्षित ऋणदाता ने एडीएम की कुछ कार्रवाइयों के कारण SARFAESI अधिनियम के तहत वसूली की कार्यवाही रोकने की शिकायत की थी.

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अदालत को बताया गया कि जब सुरक्षित ऋणदाता ने सरफेसी अधिनियम की धारा 14 के तहत कब्जे के लिए एक आवेदन के साथ उनसे संपर्क किया तो एडीएम ने उधारकर्ताओं को जवाब देने के लिए समय देकर अधिनियम के तहत अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया था. 28 जून के आदेश द्वारा, एडीएम ने लेनदार के धारा 14 आवेदन को भी खारिज कर दिया.

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