नीमच जिले में कलेक्टर हिमांशु चंद्रा द्वारा लैंड बैंक को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा हैं। सरकारी जमीनों पर अवैध अतिक्रमण को लेकर त्वरित प्रभाव से बेदखली आदेश जारी करते हुए अवैध अतिक्रमानताओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सरकारी जमीन को अवैध अतिक्रमानताओं के कब्जे से मुक्त करवाने का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके विपरीत रतनगढ़ टप्पा क्षेत्र में बेशकीमती सरकारी जमीनों पर अवैध अतिक्रमण के मामले में स्थानीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली कलेक्टर के निर्देशों के विपरीत दिखाई दे रही हैं। और खुलेआम सरकारी जमीनों पर अवैध अतिक्रमण के मामले में बेदखली के आदेश ठंडे बस्ते में दिखाई दे रहे।
दरअसल रतनगढ़ टप्पा क्षेत्र में घाट के ऊपर मुख्य मार्ग से कुछ दूरी पर बेशकीमती सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण करते हुए उसे 15 लाख से ज्यादा में बेचने का मामला क्षेत्र में सुर्खियां बटोर रहा था। वही मौके पर पेड़ पौधों की कटाई की भी क्षेत्र में खासी चर्चा थी। रतनगढ़ टप्पा नायब तहसीलदार शत्रुघ्न चतुर्वेदी के मामला संज्ञान में आने के बाद भी स्थानीय राजस्व अमला मूकदर्शक बना हुआ था। जैसे ही मामला तत्कालीन एसडीएम राजेश शाह और कलेक्टर हिमांशु चंद्रा के संज्ञान में आया तो त्वरित प्रभाव से मामले को संज्ञान में लेते हुए पंचनामा रिपोर्ट मंगवाई गई। जिसमें मौके पर मुबारिक हुसैन का पत्थर की दीवाल बनाकर अवैध अतिक्रमण पाया गया। पटवारी रिपोर्ट के बाद अवैध अतिक्रमनताओं को सितंबर माह में नोटिस जारी कर अक्टूबर माह में बेदखली आदेश जारी किए गए। लेकिन बेदखली आदेश के बाद आज 3 माह बीतने के बाद भी बेशकीमती सरकारी जमीन को अवैध अतिक्रमानताओं के कब्जे से मुक्त करवाने की कार्रवाई नहीं की गई। कलेक्टर और एसडीएम के निर्देशों पर मामला संज्ञान में तो लिया गया लेकिन बेदखली आदेश सिर्फ कागजो तक सीमित रह गया।
एसडीएम की दो टूक, आदेश का हो पालन
नीमच जिले के जावद अनुविभाग के नवागत एसडीएम प्रीति संघवी का कहना है कि सरकारी जमीनों पर अवैध अतिक्रमण को लेकर बेदखली आदेश के बाद त्वरित प्रभाव से उनका पालन करना होता है, लेकिन अगर रतनगढ़ मामले में बेदखली आदेश के बाद भी पालन नहीं किया गया तो तुरंत प्रभाव से संबंधित तहसीलदार को निर्देशित कर सरकारी जमीन को अवैध अतिक्रमानताओं के कब्जे से मुक्त करवाते हुए आदेश का पालन करने को लेकर निर्देशित किया जाएगा।
आखिर क्यों मिल रहा अतिक्रमणताओ को संरक्षण
जावद अनुविभाग के रतनगढ़ टप्पा क्षेत्र में बेशकीमती सरकारी जमीनों पर अवैध अतिक्रमण को लेकर लगातार कई मामले सामने आ रहे हैं। इसको लेकर बेदखली आदेश के बाद भी स्थानीय जिम्मेदारों का सरकारी जमीनों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं होना, उनकी कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं कि आखिर क्यों बेश कीमती जमीनों की बंदरबांट के मामले में स्थानीय अधिकारी आखिर मुकदर्शक बने क्यों बैठे हैं। जबकि जिम्मेदार अधिकारियों को ऐसे मामले को त्वरित्र प्रभाव से स्वयं संज्ञान में लेते हुए सख्त एक्शन लेना चाहिए ताकि सरकारी जमीनों पर कोई कब्जा नहीं करें और उनकी सुरक्षा की जा सके।
तहसीलदार 3 माह से काम में व्यस्त
रतनगढ़ टप्पा क्षेत्र में बेश कीमती सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण के मामले में बेदखली आदेश जारी होने के बाद आदेश का पालन नहीं करने को लेकर पिछले तीन माह से नायब तहसीलदार शत्रुध्न चतुर्वेदी का एक ही जवाब दिखाई दे रहा है कि अभी अभियान में व्यस्त है जल्द कार्रवाई की जाएगी लेकिन आखिर तीन माह से ज्यादा का समय होने पर भी कार्रवाई नहीं होना, ऐसे अतिक्रमानताओं के हौसले बुलंद कर रहा है।