नीमच के रतनगढ़ क्षेत्र में बेश कीमती सरकारी जमीनों पर अवैध अतिक्रमण के मामले में सरकारी कर्मचारी शामिल दिखाई दे रहे हैं। यहां तक की तहसील न्यायालय से बेदखली आदेश के बाद भी इनके अतिक्रमण के खिलाफ कोई कार्रवाई देखने को नहीं मिल रही। हाल ही में रतनगढ़ घाट के ऊपर विघुत विभाग के एइ के बाद वन विभाग के डिप्टी रेंजर ने अपनी पत्नी के नाम पर पट्टे की जगह खरीदी। और मुख्य मार्ग से लगी बेश कीमती सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया। दरअसल रतनगढ़ तहसील न्यायालय से हाल ही में सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण के मामले में प्रकरण दर्ज कर एइ व डिप्टी रेंजर की पत्नी सहित कुछ लोगों के खिलाफ बेदखली आदेश जारी किए गए। जिसमें रतनगढ़ क्षेत्र में पदस्थ डिप्टी रेंजर कुलदीप दीक्षित की पत्नी हेमलता दीक्षित का रतनगढ़ घाट के ऊपर सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण पाया गया। जिस पर पटवारी रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद संबंधित को नोटिस जारी किए गए और तहसील न्यायालय से शासकीय भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाने को लेकर बेदखली आदेश जारी हुए। लेकिन तहसील न्यायालय से बेदखली आदेश जारी होने के बाद भी सरकारी जमीन से अवैध अतिक्रमानताओं ने अपना कब्जा नहीं हटाया। वही तहसील के जिम्मेदार भी इन अतिक्रमानताओं के आगे नतमस्तक दिखाई दे रहे हैं। और तहसील न्यायालय का आदेश सिर्फ कागजो तक सीमित रह गया।
आम लोगों के लिए नियम, सरकारी कर्मचारियों के लिए क्यों नहीं
जब आम लोगों की बारी आती है तो उनके पट्टे की जगह पर भी वन विभाग उन्हें काबिज नहीं होने देता और अपनी जमीन बताते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करता है। लेकिन यहां तो वन विभाग में पदस्थ डिप्टी रेंजर अधिकारी ने अपनी पत्नी के नाम पर सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण किया हुआ है। ऐसे में ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ तो प्रशासन को सख्त कार्रवाई करते हुए निलंबन की कार्रवाई करना चाहिए।
खैर देखना यह होगा कि शासकीय की जमीन पर अवैध अतिक्रमण को लेकर बेदखली आदेश तो जारी किए गए लेकिन क्या धरातल पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन जेसीबी चलाते हुए शासकीय जमीन को अवैध अतिक्रमानताओं के कब्जे से मुक्त करवाया जाएगा या फिर ऐसे ही यह सरकारी कर्मचारी प्रशासन पर हावी दिखाई देंगे और सरकारी जमीनों पर अवैध अतिक्रमण का खेल चलता रहेगा।
आखिर कहां से आ रहा पैसा होनी चाहिए जांच
सरकारी नौकरी में रहकर जिस क्षेत्र में पदस्थ है उस क्षेत्र में अपने या अपनी पत्नी या परिवार के नाम पर जमीनों की खरीदी ब्रिकी को लेकर विभाग के जिम्मेदारों को जांच करना चाहिए कि कर्मचारी द्वारा जो जगह खरीदी जा रही है उसके लिए पैसा कहां से आ रहा है और लेनदेन किस खाते से हो रहा है। ताकि बेशकीमती जमीनों की खरीदी बिक्री की सच्चाई पता चल पाए।