नीमच पेयजल व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने हेतु समीक्षा बैठक बुधवार को जनपद नीमच के सभाकक्ष में अनुविभागीय अधिकारी उपखण्ड राजस्व डॉ.ममता खेड़े की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में पेयजल प्रबंधन हेतु आवश्यक दिशा निर्देश एसडीएम ने सभी सरपंच एवं सचिवों को दिये हैं।
एसडीएम ने निर्देश दिए, कि ग्राम सभाओं का आयोजन रात्रि में ग्राम चौपाल पर कर, ग्रामीण जनों को जल के बचाव एवं अपव्यय को रोकने हेतु जनजागृति लाई जावे। माह मई, जून 2024 तक पेयजल व्यवस्था संचालित हो, इसकी पर्याप्त व्यवस्था की जाए। कुआ, बावड़ी व अन्य जल स्रोतों की साफ-सफाई करवाने एवं पेयजल स्त्रोतों का चिन्हांकन कर आडे-खडे बोर लगवा कर, पेयजल का समुचित प्रबंधन समय से पूर्व करने के निर्देश दिए गए। एसडीएम ने कहा कि प्रत्येक ग्राम में 10 महिला एवं 10 पुरुष का चयन कर, पेयजल का अपव्यय को रोकने एवं नलों के टोटी लगाने के लिए निगरानी एवं मार्गदर्शन करने हेतु जलप्रहरी नियुक्त कर जिम्मेदारी दी जावे। साथ ही प्रत्येक ग्राम में एक-एक जल मित्र का चयन भी किया जावे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में पेयजल सप्लाई में 10 मिनट की कटौती कर जल को बचाया जा सकता है। कुए, बावडी आदि जल स्त्रोतों को सुरक्षा की दृष्टि से तार फेंसिंग, जाली बाउंड्री आदि व्यवस्था से ढकने अथवा सुरक्षित करने के निर्देश भी एसडीएम ने दिए। उन्होने पेयजल परिवहन की आवश्यकता होने पर एक सप्ताह पूर्व गांव एवं पेयजल स्त्रोत के अधिग्रहण हेतु प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश भी दिए। इस मौके पर तहसीलदार प्रेमशंकर पटेल, एवं जनपद सीईओ राजेन्द्र पालनपुरे एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।