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दरिंदगी की इंतहा: चल समारोह में छेड़खानी के विरोध में गुंडों ने बरसाएं लाठी-डंडे, करदी हत्या, बेटी और बहन को भी बेरहमी से पीटा, मुखदर्शक बन देखते रहे लोग, पुलिस ने भी नहीं की मदद

डेस्क रिपोर्टर September 30, 2023, 11:24 am Technology

गुंडों ने मेरे और बेटी के साथ छेड़छाड़ की। भाई ने विरोध किया, तो गुंडे उन पर लाठी-डंडे लेकर टूट पड़े। मुझे, मेरी बेटी और बहन को भी बेरहमी से पीटा। हम आरोपियों के सामने भाई को छोड़ने के लिए गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन नशे में धुत हत्यारों ने एक नहीं सुनी। दौड़कर पुलिस से मदद मांगने पहुंची, तो पुलिसकर्मी के ड्राइवर ने भी मदद नहीं की। मैं वो पल नहीं भूल सकती, जब भाई ने मेरी गोद में दम तोड़ा।अगर पुलिस समय पर कार्रवाई करती, तो शायद मेरा भाई जिंदा होता। पुलिस ने रिपोर्ट तक समय पर नहीं लिखी।'

भाई की हत्या की चश्मदीद महिला यह बताते हुए फफक पड़ती है। राजधानी के मंगलवारा थाना क्षेत्र में अनंत चतुर्दशी के मौके पर चल समारोह में गुंडों ने अमित सिरोलिया की पीट-पीटकर हत्या कर दी। चश्मदीद बहन ने पूरे घटनाक्रम को सिलसिलेवार बताया। कहा- किस तरह युवक नशे में धुत होकर युवक ने उनके साथ अश्लील हरकत की। भाई ने विरोध किया, तो उनके सिर में पत्थर मार दिया।

चश्मदीद युवती ने बताई पूरी वारदात

'मैं पटेल नगर खान शाकिर अली अस्पताल के पीछे रहती हूं। गुरुवार देर रात बेटी, बहन ने चल समारोह देखने को कहा। हम वहां अकेले नहीं जाना चाहते थे। लिहाजा, भाई अमित सिरोलिया को साथ ले गए। जम-जम और मिलन होटल के बीच में एक जगह फुटपाथ पर बैठ गए। यहां से कैंची छोला की एक झांकी गुजर रही थी। एक बड़े बाल वाला युवक कुछ लोगों से झगड़ा कर रहा था। हम सब बैठे-बैठे यह सब देख रहे थे। इसी बीच युवक बेहद करीब आकर बैठ गया। वह नशे में धुत था। उसने मेरे साथ गलत हरकत की। इसके बाद बेटी कशिश के साथ भी उसने यह किया। हमने उसे दूर जाकर बैठने के लिए कहा। आरोपी जाने को तैयार नहीं था।

बहस करने लगा। अपशब्द कहने लगा। यह देख भाई अमित सिरोलिया ने उसे समझाने का प्रयास किया। क्योंकि वह नशे में था। भाई विवाद नहीं करना चाहते थे। आरोपी उनसे भी बदसलूकी करने लगा। चंद मिनट बाद वह बड़ा सा पत्थर लेकर आया और भाई के सिर में मार दिया। यह देख उसके दो साथी बिना जाने की घटना का कारण क्या है, डंडे और लाठी से भाई को पीटने लगे।

वह मदद के लिए चीख रहे थे। हम भी भाई को छोड़ने के लिए मिन्नतें करते रहे, लेकिन डीजे की धुन में आवाज दब गई। हम मदद के लिए आगे गए। आरोपियों ने हमें पीटना शुरू कर दिया। बहन के हाथ में गंभीर चोट आई है। मेरे और बेटी को भी चोट लगी हैं। आरोपियों के सिर पर खून सवार था। वह अंधाधुध मार रहे थे। मैं जान बचाने के लिए आगे की ओर भागी। यहां मुझे पुलिस का वाहन दिखा। मेरी जान में जान आई। उम्मीद थी यहां कोई मदद मिलेगी।

गाड़ी में एक ड्राइवर बैठा था। मैने उससे मदद मांगी। पुलिस बुलाने के लिए कहा। बताया- कुछ लोग मेरे भाई को बेरहमी से पीट रहे हैं। उसने मुझे वाहन में बैठा लिया। पुलिस नहीं बुलाई। मैने उससे पुलिस बुलाने की मिन्नतें कीं, वह बोलता रहा। आप घबराओ मत। अंदर बैठ जाओ। मैंने ही उससे फोन मांगा। इसी फोन से मैने भाई अमित को कॉल किया। बेटे को भी कॉल कर बताया कि- मुझे बहुत डर लग रहा है। मुझे बचा लो। भाई घायल हालत में ही पुलिस वाहन तक आया। इस बीच बेटा भी आ गया साथ लेकर घर तक पहुंचा। भाई के सिर से खून बह रहा था।

हम कुछ कर पाते, इससे पहले ही उसने पानी मांगा। बताया- मुझे घबराहट हो रही है। इसके बाद मेरे कंधे पर सिर रखा। चंद सेकेंड बाद ही बेसुध हो गया। इस समय रात करीब ढाई बज चुके थे। हम उसे बेहोश समझकर अस्पताल पहुंचे, जहां मौत की पुष्टि हो गई। मोहल्ले में लौटे तो बताया गया कि अमित को पीटने वाला युवक घर तक पहुंच गया था। घर के पास उत्पात मचा रहा था।

मोहल्ले के युवकों ने उसे समझाने का प्रयास किया, तो आरोपी विवाद करने लगा। तब उसकी धुनाई की गई। इसका सीसीटीवी फुटेज भी मिला है। इतना सब होने के बाद भी पुलिस नहीं आई। बहन को भी अस्पताल ले गए थे। वहां डॉक्टरों ने पुलिस केस बताकर इलाज से मना कर दिया था। उन्होंने बताया था कि पुलिस को सूचना दे दी है। तब भी शुक्रवार सुबह तक पुलिस नहीं आई। आखिरकार, सुबह 5:30 बजे हम स्वयं थाने पहुंचे और शिकायत की।

थाने में पुलिस ने भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की। कुछ देर में थाने आने की बात कहकर चलता कर दिया गया। दोबारा फिर थाने पहुंचे, तब केस दर्ज किया। आरोपी को फांसी की सजा दिलाओ, तभी भाई की आत्मा को सुकून मिलेगा।

टीआई के ड्राइवर ने यह बताया

जिस पुलिस वाहन में मदद की उम्मीद से महिला पहुंची थी, वह गौतम नगर टीआई का था। उसमें मौजूद चालक का नाम फहीम था, जो करोंद का रहने वाला है। उसने फोन पर बातचीत में बताया कि महिला मदद के लिए आई थी। मैंने अपने फोन से उसके परिजनों से बात कराई थी। बाद में उनके सुपुर्द कर दिया था। मैंने घटना की जानकारी पुलिस को इसलिए नहीं दी कि घटना के समय वहां पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। पीड़ित महिला ने भी यह बात बताई कि घटना स्थल पर पुलिसकर्मी नहीं है। भारी भीड़ और अव्यवस्थाओं के बाद यहां पुलिसकर्मी नहीं थे।

मृतक की भांजी बोली- मुझे घसीटा पीटा, लोग देखते रहे

अमित की भांजी का कहना है कि मारपीट के दौरान भी आरोपियों ने मुझे घसीटा, पीटा। मेरे पैर में डंडे मारे। मैं चीखती रही। वहां काफी भीड़ थी, लेकिन कोई भी मदद के लिए तैयार नहीं था। इतनी भीड़ होने के बाद भी जहां विवाद हो रहा था, वहां कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। घटना के करीब एक घंटे बाद तक युवक वहीं घूमता रहा था। घर तक भी आया, लेकिन उसे किसी ने नहीं पकड़ा।

आरोपियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज

सहायक पुलिस आयुक्त हनुमानगंज राकेश सिंह बघेल ने बताया कि मुख्य आरोपी विनोद ठाकुर (26) हरी सिंह ठाकुर निवासी छोला मंदिर के पास कैंची छोला को गिरफ्तार कर लिया है। उनके खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया है। फरियादी के बताए अनुसार फिलहाल, एक अज्ञात आरोपी पर नामजद एफआईआर की गई है। जांच में आए तथ्यों के आधार पर अन्य के नाम बड़ाए जा सकते हैं। आरोपी ने हत्या की वारदात को अंजाम देने की बात स्वीकार कर ली है। नशे में हुए विवाद के बाद हत्याकांड को अंजाम दिया गया।

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