ये कहानी है लव, शादी, धोखा और पति के मर्डर की। महिला अपने पति और ससुर के सामने प्रेमी को मुंहबोला भाई कहती थी। जब पति प्यार में रोड़ा बनने लगा, तो उसे रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली। बॉयफ्रेंड के हाथों पति का कत्ल करवा दिया। प्रेमी ने साथियों के साथ मिलकर शव नदी में फेंक दिया। किसी को शक न हो, इसलिए युवती और उसका प्रेमी पुलिस व ससुर के साथ मिलकर शव को तलाशने का नाटक करने लगे। जांच के दौरान पुलिस ने कॉल डिटेल निकलवाई। पूछताछ में प्रेमी ने जो खुलासा किया, उसे जानकर पुलिस भी हैरान रह गई। मामला दमोह का है।
पन्ना की रहने वाली कविता (23) की शादी दीपचंद पटेल (26) से हुई थी। शादी से पहले कविता का मकान में रहने वाले किराएदार कल्लू उर्फ ब्रजेश बर्मन (21) से अफेयर था। दोनों की जाति अलग थी, इसलिए शादी नहीं हो पाई। कविता के माता-पिता ने उसकी शादी दमोह के दीपचंद पटेल से कर दी।
शादी के बाद सब ठीकठाक चल रहा था। कविता के ससुर उसे बेटी की तरह प्रेम करते थे। कारण- कई साल बाद किसी स्त्री के पैर चौखट पड़े थे, इसलिए वो उसे कुछ नहीं कहते थे। कविता अपने प्रेमी कल्लू को भी भुला चुकी थी। कविता के पति की नौकरी राजस्थान की सीमेंट फैक्ट्री में थी। शादी के कुछ दिन बाद दीपचंद वापस नौकरी पर लौट गया। कविता को खाली घर काटने लगा। एक दिन वो मोबाइल के कॉन्टैक्ट नंबर स्क्रॉल कर रही थी, तभी कल्लू का नंबर दिखा। उसे पुराने दिन याद आने लगे। वो दिन में कई बार-बार कल्लू का नंबर डायल करती, लेकिन कुछ सोचकर काट देती। फिर एक दिन कल्लू से बात कर ही ली।
कई महीने बाद जब कल्लू ने कविता का नंबर देखा, तो हाल चाल पूछा। कुछ देर तक बातें होती रहीं। दोनों का प्यार फिर जाग गया। पुरानी यादें ताजा हो गईं।
मोबाइल कॉल ने मामले का खुलासा कर दिया
असली कहानी शुरू होती है 22 जुलाई को। 55 साल के हाकम पटेल दमोह जिला मुख्यालय से 65 किमी दूर गैसाबाद थाने पहुंचे। थाना प्रभारी विकास सिंह चौहान को बताया कि वह खैरा गांव का रहने वाला है। 19 जुलाई की शाम 7 बजे इकलौता बेटा दीपचंद पटेल (26) घर से निकला था। तब से लापता है। उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ आ रहा है। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर जांच शुरू की।
दीपचंद के लापता होने की खबर उसके ससुराल पहुंची, तो वो लोग भी दमोह पहुंच गए। वे हाकम के साथ मिलकर दामाद की तलाश में जुट गए। वे रोज थाने इस उम्मीद में जाते कि शायद दीपचंद की कोई खबर मिले। गैसाबाद थाना प्रभारी विकास सिंह चौहान कहते हैं कि दीपचंद का लापता होना खटक रहा था। पिता हाकम ने बताया था कि बेटे-बहू में कोई विवाद भी नहीं था। दीपचंद के मोबाइल नंबर का सीडीआर (कॉल डाटा रिकॉर्ड) निकलवाई। पता चला कि दीपचंद की 19 जुलाई की शाम आखिरी बार पन्ना के लोहरा के रहने वाले कल्लू उर्फ ब्रजेश बर्मन से बात हुई थी।
फिर कल्लू बर्मन के मोबाइल का सीडीआर निकलवाया गया, तो गनेश विश्वकर्मा निवासी चिकला थाना सिमरिया पन्ना का फोन नंबर मिला। दीपचंद समेत तीनों नंबरों का टावर लोकेशन भी खैरा गांव का मिला। इससे साफ हो गया कि घर से दीपचंद इन दोनों के साथ ही निकला था। दीपचंद का मोबाइल बंद होने से पहले का आखिरी टावर लोकेशन ग्राम वर्धा थी। इसी टावर लोकेशन में गनेश विश्वकर्मा व कल्लू बर्मन का मोबाइल भी बंद हो गया था। साफ हो गया कि दीपचंद के लापता होने के बारे में उक्त दोनों को कुछ पता होगा। पुलिस के लिए ये क्लू अहम साबित हुआ।
पुलिस को ब्रजेश की मोबाइल कॉल डिटेल में दीपचंद की पत्नी कविता का नंबर भी मिला। 19 जुलाई को भी ब्रजेश और कविता के बीच बातचीत की पुष्टि हुई। इसके पहले भी दोनों के बीच लगातार बात हो रही थी। पुलिस ने कल्लू बर्मन और फिर गनेश विश्वकर्मा को हिरासत में लेकर पूछताछ की। कल्लू ने ये कहकर पुलिस को बरगलाने की कोशिश की कि वह कविता को जानता है। वह उसके मायके में किराए से रह चुका है। जान-पहचान के चलते कविता से बात करता रहता था।
पुलिस को उसकी बात पर विश्वास नहीं हुआ। पुलिस ने तुक्का मारा। कल्लू से कहा कि कविता ने सब कुछ बता दिया है। अब तुम्हारी बारी है। सच बताओगे, तो ठीक नहीं तो थर्ड डिग्री आजमाना पड़ेगी। आखिरकार तीर निशाने पर लगा। कल्लू बर्मन टूट गया। उसने पूरी साजिश और हत्या का खुलासा कर दिया।