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MP - जीएसटी अधिकारियों के घरों से नोटों के बंडल मिले, सीबीआई की छापेमार कार्यवाही, कोर्ट ने मंजूर की 6 दिन की रिमांड

जबलपुर - June 14, 2023, 9:17 pm Technology

जीएसटी भवन जबलपुर मध्यप्रदेश में सीबीआई की छापामार कार्यवाही  के बाद सीबीआई की टीम ने अधिकारियों के घरों की भी तलाशी ली। इस दौरान अधिकारियों के घरों से नोटों के बंडल मिले हैं। जीएसटी भवन जबलपुर में भी कई अधिकारियों की अलमारियों में नोटों की गड्डियां भरी मिली। सीबीआई की कार्रवाई रात भर चलती रही, बुधवार सुबह 3 बजे टीम वापस रवाना हुई। आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया , जहां से सीबीआई ने रिमांड मांगी, कोर्ट ने 6 दिन की रिमांड मंजूर कर दी।

जीएसटी अधिकारी द्वारा व्यापारी को जाल में फंसाने की कहानी

दमोह नोहटा में गोपन तंबाकू प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड में विगत 18 मई को जीएसटी ने जांच की। शाम सात बजे यह कार्रवाई हुई और जीएसटी चोरी के मामले में फैक्ट्री को सीज कर दिया गया। छापेमारी जीएसटी प्रिवंटी ब्रांच के अधीक्षक कपिल कांबले समेत 11 अफसरों ने की। बाद में फैक्ट्री के मैनेजर अधिकारियों से मिले और फैक्ट्री सीज रिलीज आर्डर के लिए बातचीत की। कपिल कांबले से इस संबंध में वाट्सएप पर बातचीत भी मैनेजर भागीरथ और गिरिराज के साथ हुई। अफसरों ने पहले एक करोड़ रुपये की मांग की बाद में 35 लाख रुपये में सौदा तय हुआ। 

जबलपुर जीएसटी ऑफिस में छापा मारने नागपुर से टीम बुलाई

इस बीच सीबीआई एसपी रिचपाल सिंह से रिश्वत की शिकायत की गई। एक हफ्ते पहले शिकायतकर्ता ने 25 लाख रुपये नकद जीएसटी आफिस में जाकर दिया गया। अंतिम किश्त के दस लाख रुपये देने के बाद रिलीज आर्डर जारी होना था। अंतिम किश्त का सात लाख रुपये देने फैक्ट्री के मैनेजर भागीरथ और गिरिराज मंगलवार की शाम जीएसटी ऑफिस पहुंचे। उन्होंने थैले में पैसा दिया जिसे अफसर गिन ही रहे थे तभी सीबीआई की टीम ने छापा मारकर पकड़ा। त्रिलोकचंद सेन के मैनेजर ने 12 जून को जबलपुर स्थित सीबीआई को लिखित शिकायत की। कार्रवाई पर आशंका जताई। इस पर जबलपुर एसपी रिचपाल सिंह ने नागपुर की सीबीआई टीम से इस मामले में मदद मांगी।

वाट्सअप कॉल रिकॉर्ड कैसे किया

सीबीआई को शिकायतकर्ता की तरफ से जो सबूत बातचीत के दिए थे उसमें वाट्सअप काल रिकार्ड था। फैक्ट्री के मालिक त्रिलोक सेन ने बताया कि उसने अपने मैनेजर के जरिए तीन जून को व्हाट्सएप पर जीएसटी अधीक्षक कपिल कांबले से बातचीत करवाई। वाट्सअप पर बातचीत के दौरान दूसरे मोबाइल से रिकॉर्डिंग की गई। जिसके सबूत सीबीआई को दिए गए। बातचीत में अंतिम किश्त दस लाख रुपये की व्यवस्था नहीं होने की बात मैनेजर ने कहीं जिस पर जीएसटी अफसर पहले नाराज हुए और बाद में सौदा सात लाख रुपये में तय हो गया। 

रिकॉर्डिंग में अफसर और शिकायतकर्ता की बातचीत में पैसों के लेनदेन का साफ जिक्र हुआ। इसके बाद भी सीबीआई ने अपने स्तर पर पुष्टि की। उन्होंने डिजिटल वाइस रिकार्डर की मदद से सिम को अपने विशेष डिवाइस में लगाया और फिर वाट्सअप पर दोबारा जीएसटी अफसर से बातचीत करवाई। जिसमें अफसर ने पैसे लाने की बात कही। पुष्टि होने के बाद सीबीआई टीम ने छापेमारी की रणनीति बनाई।

जीएसटी अधिकारियों के ऑफिस और घर में नोटों की गड्डियां मिली

जीएसटी के दफ्तर में सीबीआई टीम को रात तीन बजे तक रही। 10 घंटे की जांच में टीम ने पाया कि कपिल कांबळे का पद अधीक्षक का था लेकिन उसका रुतबा काफी था। टीम को कांबले के रांझी स्थित घर से तीन लाख रुपए मिले हैं। 

1. इंस्पेक्टर प्रदीप हजारी के घर से 41 लाख रुपये, उसके ऑफिस केबिन से 16.88 लाख रुपये बरामद हुए। 

2. इंस्पेक्टर विकास गुप्ता के घर से 18.29 लाख रुपये, उसके आफिस केबिन से 1.50 लाख रुपये मिले हैं। 

3. इंस्पेक्टर वीरेंद्र जैन के ऑफिस केबिन से 2.60 लाख रुपए मिले है। 

इन अधिकारियों ने अपने घरों में 62.29 लाख रुपये जमा कर रखे थे। जबकि ऑफिस में 20.97 लाख रुपये रखे थे। सौमेन गोस्वामी सिविल लाइन में, प्रदीप हजारी अधारताल, विकास गुप्ता गढ़ा और वीरेंद्र जैन राईट टाउन में रहते हैं।

रिश्वत में कटे-फटे नोट भी नहीं लेते थे

जीएसटी अफसरों ने रिश्वत की पहली किश्त में मिले 25 लाख रुपए की गिनती दफ्तर में ही की थी। बता दे कि रात दो बजे तक कपिल और उनके इंस्पेक्टर कार्यालय में ही गिनते रहे। ये सभी नोट 500-500 रुपए के थे। गड्डी में 17 हजार रुपए ऐसे निकले, जो फटे थे या फिर उनमें तेल लगा हुआ था। फैक्ट्री मैनेजर के मुताबिक, 6 जून को उन्होंने इन नोटों को बदलकर दिया। 10 जून 2023 की रात कपिल कांबले ने गिरिराज को व्हाट्सएप कॉल किया। बाकी 10 लाख रुपए तुरंत देने के लिए कहा। 12 जून 2023 फिर बात की, तब रिश्वत की राशि घटाकर सात लाख रुपये कर दी। 

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