नीमच जिले के जावद अनुविभाग के रतनगढ़ टप्पा क्षेत्र इन दिनों सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण ताओं का अड्डा बन चुका है। इसका मुख्य कारण रतनगढ़ क्षेत्र में प्रशासन अपनी भूमिका सही ढंग से नहीं निभा पा रहा, बल्कि अवैध अतिक्रमण ताओं को संरक्षण देता दिखाई दे रहा है। जिसके चलते सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण करने वाले के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि एक नहीं बल्कि कई जगह पर अवैध अतिक्रमण करते हुए शासकीय भूमि को हड़पने का खेल खेल रहे हैं।
पिछले दिनों रतनगढ़ के मुक्तिधाम स्थित सुलभ कांपलेक्स के पास में छुट भैया नेताओं द्वारा अवैध अतिक्रमण करते हुए शासकीय भूमि को हड़पने के मामले में समाचार प्रकाशित किया गया था जिसके बाद में स्थानीय हल्का पटवारी ने प्रतिवेदन बनाकर रिपोर्ट पेश की तो इसमें उपाध्यक्ष पति शिवनंदन छिपा और पार्षद राजेंद्र मुदंडा का सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण पाया गया। साथ ही इसके पास मे महेश सुथार नामक व्यक्ति का भी शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण पाया गया। जिसको भी तहसील कार्यालय रतनगढ़ से सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण के मामले में फिलहाल नोटिस जारी किया गया है।
सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण के मामले में महेश सुथार को लेकर जानकारी जुटाई गई तो जानकारों ने बताया कि रतनगढ़ के पास कस्मारिया गांव में भी 5 हजार स्क्वायर फीट से ज्यादा की सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बाड़ा बनाने का काम महेश सुथार द्वारा किया गया है। यही नहीं बल्कि कई अन्य जगह भी उक्त व्यक्ति के सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण है।
रतनगढ़ के मुक्तिधाम के पास में शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण के मामले में नगर में चर्चा है कि महेश सुथार ने अपने पार्टनर दीपक, विनोद और एक अन्य के साथ मिलकर सरकारी जमीन को हड़पने का खेल खेला। इसके लिए कागजों में ओने पौने दाम पर अन्य जगह जमीन की खरीदी की गई। जिसके बाद में सरकारी जमीन पर कब्जा कर सरकारी जमीन को हड़पने का खेल किया गया। साथ ही महेश के पार्टनर दीपक ने इन दिनों गरवाडा रोड पर अवैध कॉलोनी काटते हुए लोगों के साथ फर्जीवाड़ा की भी किया गया है, मामले में चर्चा है कि एक नोटिस भी जारी किया गया था जो फिलहाल ठंडे बस्ते में है। जिसका भी जल्द पूरा खुलासा किया जाएगा ।
खैर देखना यह होगा कि जावद क्षेत्र में रतनगढ़ टप्पा क्षेत्र में सबसे ज्यादा अवैध अतिक्रमण सरकारी भूमियों पर कब्जे, साथ ही आदिवासी परिवारों की भूमियों पर अवैध अतिक्रमण के मामले लगातार सुर्खियां बटोर रहे हैं ऐसे में क्या लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई करेगा या फिर क्षेत्र में ऐसे ही अवैध अतिक्रमण को बढ़ावा मिलता रहेगा।