नीमच जिले के नवागत पुलिस कप्तान ने पदभार लेते ही दो टूक शब्दों में कहा है कि तस्कर माफिया को नेस्तनाबूद करने का काम किया जाएगा। किसी भी तस्कर माफिया को बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे में नीमच सिटी पुलिस की 40 दिन पहले हुई 20 क्विंटल डोडा चूरा के मामले में कार्रवाई में 40 दिन बीतने के बाद भी माल किसने दिया सिटी पुलिस की कागजों में माल देने वाले तस्कर माफियाओं का नाम नहीं चढ़ा है।
गौरतलब है कि सिटी पुलिस ने 16-17 फरवरी की दरमियानी रात्रि में डंपर से 20 क्विंटल अवैध डोडाचूरा बरामद करते हुए शिवराज सिंह राठौड़ शंभूपुरा थाना क्षेत्र के आरोपी को गिरफ्तार किया था, जिसका पुलिस रिमांड लिया गया, पुलिस रिमांड के दौरान सिटी पुलिस की नीमच जिले के सरवानिया क्षेत्र सहित कई क्षेत्रों में हलचल की चर्चाएं भी चली लेकिन पुलिस रिमांड के बाद भी पुलिस को यह नहीं पता कि माल किन तस्करों ने भरा है पुलिस ने सिर्फ आरोपी माल जिनको देने जा रहे था राजस्थान बाड़मेर के उन दो प्यादों को नामजद करते हुए आरोपी बनाया।
पूरे मामले में तस्करी की शुरुआत जहां से होती हैं उन तस्कर माफियाओं पर सिटी पुलिस खासी मेहरबान दिखाई दे रही हैं। 40 दिन बाद भी सिटी पुलिस के कागजों मे माल देने वाले तस्कर माफियाओं के नाम का रंग नहीं चढ़ा। कहीं ऐसा तो नहीं कि मामले को गोलमाल कर दिया गया है।
हालांकि नवागत एसपी अमित तोलानी में पदभार ग्रहण करते ही तस्कर माफिया को नेस्तनाबूद करने की बात कही और कहा कि तस्कर माफियाओं पर सख्ती से शिकंजा कसा जाएगा और उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा। ऐसे में अब देखना यह होगा कि क्या 20 क्विंटल डोडाचुरा के मामले में सिटी पुलिस की डायरी में माल देने वाले तस्कर माफियाओं के नाम का रंग चढ़ेगा या फिर ऐसे ही सीएम के तस्कर माफिया के अभियान को और नवागत एसपी के सख्त निर्देशों को सिटी पुलिस पलीता लगाती रहेगी।
नवागत एसपी कर सकते थाना प्रभारी में बदलाव
गौरतलब है कि पूर्व एसपी सूरज कुमार वर्मा ने जिले में कई थाना प्रभारी में फेरबदल किया लेकिन नीमच सिटी थाना प्रभारी करणी सिंह शक्तावत की पदस्थापना में लंबे समय से कोई फेरबदल नहीं हुआ। ऐसे में उम्मीद है कि नवागत एसपी अमित तोलानी सिटी थाना प्रभारी में फेरबदल कर सकते हैं।
नहीं उठाते थाना प्रभारी फोन
थाना प्रभारी को आम लोगों की समस्याओं की जिम्मेदारी दी जाती हैं इसके लिए हर आम से लगाकर खास व्यक्ति का फोन उठाना थाना प्रभारी का दायित्व होता है लेकिन देखा जाता है कि करणी सिंह शक्तावत को जब भी फोन लगाया जाता है तो फोन उठाना तक उचित नहीं समझते हैं ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब मीडिया के फोन नहीं उठाते तो आम जनता कैसे संपर्क कर सकती हैं।