नीमच जिले के जावद तहसील के अंतर्गत आने वाले डिकेन के सरदार पटेल स्कूल संचालक की हठधर्मिता और मनमानी के चलते छठी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र का भविष्य बर्बाद किया जा रहा है और उसे फीस जमा न होने से परीक्षा से वंचित करने का मामला सामने आया।
डिकेन वार्ड क्रमांक 14 निवासी दिनेशचंद्र पाटीदार ने जानकारी देते हुए बताया कि उनका बालक नैतिक पिता दिनेश चंद्र पाटीदार पहली कक्षा से ही सरदार पटेल स्कूल में पढ़ाई कर रहा हैं और वर्तमान में छठी कक्षा में अध्ययनरत हैं। जिसकी इस वर्ष की फीस बाकी हैं। जो 5 अप्रैल तक जमा कराने की बात स्कूल संचालक से निवेदन किया गया लेकिन सरदार पटेल स्कूल संचालक रामचंद्र पाटीदार की हठधर्मिता और मनमानी के चलते बालक नैतिक को परीक्षा में बैठने नहीं दिया और घर भगा दिया गया।
नैतिक के पिता दिनेश चंद्र पाटीदार ने स्कूल संचालक की हठधर्मिता और मनमानी को लेकर सोशल मीडिया पर भी अपनी पीड़ा जाहिर की और कहा कि मैं सब्जी बेचकर अपना जीवन चला रहा हूं गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करता हूं, निशुल्क योजना में जानबूझकर स्कूल में एडमिशन नहीं दिया गया, ऐसे में अगर फीस जमा कराने में देरी हो गई तो मेरे बच्चे का भविष्य बर्बाद करते हुए उसे परीक्षा से वंचित किया। 15 मार्च से नैतिक की परीक्षा शुरू हुई, वर्तमान तक नैतिक को स्कूल संचालक द्वारा चार पेपर से वंचित किया गया। पिता ने सोशल मीडिया के माध्यम से कलेक्टर से गुहार लगाते हो अपने बच्चे का भविष्य बर्बाद होने से बचाने की मांग की।
शासन के स्पष्ट निर्देश है कि फीस के अभाव में कोई भी स्कूल संचालक छात्र का भविष्य बर्बाद नहीं कर सकता और परीक्षा से वंचित नहीं कर सकता। हालांकि इस मामले में देखना यह होगा कि जिला शिक्षा अधिकारी के संज्ञान में मामला पहुंचा है तो क्या बच्चे का भविष्य बर्बाद होने से बचाया जाएगा और ऐसे स्कूल संचालक के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती हैं।
यह जिम्मेदारों का कहना
मैं कुए पर हूं इस संबंध में स्कूल में ही बात करूंगा, अभी कोई जवाब नहीं दे सकता। - रामचंद्र पाटीदार सरदार पटेल स्कूल संचालक।
फीस जमा न होने से किसी भी बच्चे को परीक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता। स्कूल संचालक से बात कर जवाब मांगा जाएगा और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। - सीके शर्मा जिला शिक्षा अधिकारी नीमच।