अनुशासन के नाम से जाने जाने वाली भारतीय जनता पार्टी में इन दिनों नीमच जिले के अंदर छिछोरापंती शुरू हो गई है। सत्ता पाने की लालसा इस कदर हावी हो रही है कि संगठन के मुखिया को ही दरकिनार किया जा रहा है और आमंत्रण कार्ड से नाम हटाते हुए अनुशासन का ढिंढोरा पीटने वाली पार्टी में छिछोरापंती शुरू हो गई जो खत्म होने का नाम नहीं ले रही।
अपुन के शहर में चर्चा है कि यह सब विधानसभा की राजनीति के चलते गुटबाजी का खेल चल रहा है। सत्ता और संगठन के बीच गुटबाजी इतनी बढ़ चुकी है कि संगठन के मुखिया को हर जगह भारतीय जनता पार्टी के होने वाले विकास कार्यों से दरकिनार करते हुए दूर किया जा रहा है।
भाजपा को लग सकता है बड़ा झटका
सत्ता और संगठन के नेताओं के बीच जिस तरह की छिछोरापंती नीमच विधानसभा में देखी जा रही हैं ऐसा लग रहा है कि मानो भारतीय जनता पार्टी को आने वाले दिनों में बड़ा झटका लग सकता है। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे यह छिछोरापंती बढ़ती चली जा रही हैं।
सड़क निर्माण का भूमि पूजन आंमत्रण बना चर्चा का विषय
नीमच विधानसभा के चंपी से काली कोटडी तक 5 दिसंबर को होने वाले 126 लाख की लागत के डामरीकरण सड़क निर्माण का भूमि पूजन का आमंत्रण कार्ड छपवाया गया। आमंत्रण कार्ड में प्रभारी मंत्री, सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष सभी के नाम है लेकिन नीमच जिले के संगठन के मुखिया भाजपा जिला अध्यक्ष पवन पाटीदार का नाम नहीं छपा। यह कोई पहली बार नहीं है इससे पहले भी कोटि स्कूल के प्रोग्राम में भी ऐसी ही आमंत्रण कार्ड चर्चा का विषय रहा था। आखिर बार-बार क्यों संगठन के मुखिया जिले के भारतीय जनता पार्टी के प्रथम व्यक्ति कहे जाने वाले जिलाध्यक्ष को दरकिनार किया जा रहा है। अब सत्ता पाने की लालसा इतनी हावी हो चुकी है कि अनुशासन का ढिंढोरा पीटने वाली भारतीय जनता पार्टी मैं छिछोरापंती शुरू हो गई जो आगामी दिनों में नीमच विधानसभा मे सत्ता परिवर्तन के संकेत देते दिखाई दे रही है। और कांग्रेस को मजबूती प्रदान कर रही हैं।