नीमच जिले के रतनगढ़ क्षेत्र में 15 सालों से एक ही क्षेत्र में पदस्थ सरकारी कर्मचारियों एई ने सरकारी जमीनों पर अवैध अतिक्रमण का खेल शुरू कर दिया। और प्रशासनिक अधिकारी भी इस एई पर मेहरबान दिखाई दे रहे हैं। बेदखली आदेश के बाद भी प्रशासन की जेसीबी में शायद डीजल खत्म हो गया। जिसके चलते कोई कार्यवाही देखने को नहीं मिल रही। और क्षेत्र में 15 साल से पदस्थ होकर करोड़ों की जमीन खरीदने का खेल हो गया। हालांकि कागजों में जमीनों का मूल्य कम बताया जाता है लेकिन उससे 5 गुना वास्तविक जमीनों का मूल्य और उसका लेन-देन होता है।
मध्य प्रदेश के मुखिया सीएम मोहन यादव के निर्देशों की रतनगढ़ क्षेत्र में खुलेआम धज्जियां उड़ती दिखाई दे रहे हैं। क्योंकि 5 साल में तो विधायक तक बदल जाता है उसके चुनाव होते हैं। ऐसे में विद्युत विभाग का कर्मचारी एक ही क्षेत्र में पिछले 15 सालों से पदस्थ है जिसके खिलाफ कई शिकायतें विभाग को हुई लेकिन आज तक राजनीतिक रसूख और पहुंच के चलते एई का स्थानांतरण कहीं और नहीं हुआ। बिहार से आकर अब रतनगढ़ क्षेत्र में ही सरकारी कर्मचारियों ने जमीन खरीदने और बेचने का खेल शुरू कर दिया। इन जमीनों के लिए इतना पैसा कहां से आया, यह भी विभाग के लिए एक जांच का विषय है।
वही रतनगढ़ क्षेत्र में सूत्रों की माने तो इस सरकारी कर्मचारियों ने खुद के नाम पर तो दो संपत्तियां खरीदी है, लेकिन कई और पार्टनर रखकर करोड़ों की संपत्तियां खरीदने का खेल क्षेत्र में किया गया है। जिसमें से एक जमीन रतनगढ़ नीमच मुख्य मार्ग पर डिकेन के पास मुख्य मार्ग से लगी बेशकीमती जमीन बताई जा रही है। जिसमें दो से तीन पार्टनर है। वहीं अंदर खानों की चर्चा है कि जहां आसपास सरकारी जमीन होती है वहां सरकारी कर्मचारी और उनके साथी पास में ही लगी हुई जमीन को खरीदने का खेल करते है फिर बेशकीमती सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया जाता है। इस खेल में विद्युत विभाग का एक ठेकेदार से लगाकर कुछ व्यापारी भी शामिल है। ऐसे ही जाट रोड पर ईदगाह के पास भी बताया जा रहा है कि मुख्य मार्ग पर सरकारी जमीन है उस पर भी प्लाट बेचने का खेल हुआ है जिसकी जल्द जांच होगी।
खैर देखना यह होगा कि 15 साल से सरकारी कर्मचारी एक ही क्षेत्र में पदस्थ हैं क्योंकि मामला अब मीडिया में सुर्खियां बटोर रहा और अधिकारियों तक भी मामला पहुंचा है ऐसे में क्या अधिकारी ऐसे सरकारी कर्मचारियों को वहां से हटाते हुए, जिस क्षेत्र में पदस्थ है उसी क्षेत्र में जमीनों की खरीदी बिक्री को लेकर जांच करेंगे और क्या तहसीलदार रतनगढ़ घाट के ऊपर सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण के मामले में बेदखली के आदेश को लेकर जेसीबी चलाएंगे या फिर नियम सिर्फ आम जनता के लिए लागू होंगे, सरकारी कर्मचारियों पर रतनगढ़ प्रशासन इसी तरह मेहरबान दिखाई देगा।