मध्य प्रदेश के मुखिया मोहन यादव के गोचर की भूमि पर अतिक्रमण को लेकर सख्त निर्देश दे रहे हैं। नीमच कलेक्टर दिनेश जैन ने भी राजस्व अमले को दो टूक शब्दों में कहां है कि अपने क्षेत्र में गोचर की भूमि पर अवैध अतिक्रमण है तो तुरंत प्रभाव से रिपोर्ट प्रस्तुत करें और अतिक्रमानताओं के कब्जे से गोचर की भूमि को मुक्त करवाया जाए।
इसके बावजूद गोचर की भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण करने वाले अतिक्रमानताओं पर राजस्व अमला मेहरबान दिखाई दे रहा है। अतिक्रमण से जमीन मुक्त करवाना तो दूर की बात है अभी तक अतिक्रमानताओं के विरुद्ध राजस्व हमले ने कागजों में रंग तक नहीं चढ़ाया।
ऐसा ही एक मामला नीमच जिले के जावद क्षेत्र के धामनिया गांव का सामने आया। जहां पर गोचर की भूमि पर भू माफिया ने सालों से कब्जा किया हुआ है और बेशकीमती जमीनों को हड़पने का खेल खेला गया। सीएम मोहन यादव के गोचर की भूमि को अवैध अतिक्रमणकर्ताओ से मुक्त करने के निर्देशों के बाद एक उम्मीद क्षेत्र वासियों को दिखाई दी लेकिन स्थानीय राजस्व अमले ने अभी तक कागजों में रंग नहीं चढ़ाया।
ऐसे में सवाल ही खड़ा होता है कि क्या मुख्यमंत्री मोहन यादव और कलेक्टर के निर्देश सिर्फ हवा में दिखाई दे रहे हैं। और अतिक्रमानताओं के साथ-साथ अधिकारी भी इन आदेशों को हल्के में ले रहे हैं।
खैर देखना यह होगा कि कलेक्टर दिनेश जैन ऐसे मामलों में सख्त रवैया अपना रहे हैं तो ऐसे में क्या धामनिया क्षेत्र में गोचर की भूमि अवैध अतिक्रमण से मुक्त होगी। और स्थानीय पटवारी अतिक्रमानताओं की रिपोर्ट प्रस्तुत करेगे या नहीं इसको लेकर जल्द पुरी हकीकत आप तक पहुंचायेंगे।