आईएमए जिला इकाई नीमच के तत्वाधान में शहर के सभी प्रमुख चिकित्सकों द्वारा डॉ श्रीमती अर्चना शर्मा आत्महत्या मामले में निष्पक्ष कानूनी जांच की मांग को लेकर गुरुवार शाम जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम जिला कलेक्टर मयंक अग्रवाल को एक ज्ञापन सौंपा। इसके साथ ही आईएमए के चिकित्सक सीआरपीएफ प्रवेश द्वार के समीप सरदार पटेल सर्कल स्थित पुलिस अधीक्षक सूरज कुमार वर्मा के निवास पर पहुंचे और वहां भी जिला पुलिस अधीक्षक सूरज कुमार वर्मा को ज्ञापन सौंपा और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की।
हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन में चिकित्सक पदाधिकारियों ने बताया कि विगत दिनों लालसोट दौसा राजस्थान में एक गर्भवती महिला की डिलीवरी के बाद अधिक रक्तस्राव के कारण उसकी मृत्यु हो गई थी जिस को बचाने का भरसक प्रयास डॉ अर्चना शर्मा ने किया था। स्त्री रोग की किताबों में उल्लेख के अनुसार ज्ञात कॉम्प्लिकेशन के कारण विश्व भर में सर्व सुविधा अस्पतालों में भी मरीज की मौत हो जाती है। दुर्भाग्य से यह वाक्या आनंद हॉस्पिटल लालसोट दौसा में भी हो गया है।
डॉ अर्चना शर्मा वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर रही है यह मृतक महिला की तीसरी डिलीवरी है। महिला की पहली डिलीवरी भी डॉक्टर अर्चना शर्मा द्वारा ही करवाई थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध स्टेटस ऑफ पंजाब एंड अदर्स ए आई आर 2005 - धारा 3180 में स्पष्ट निर्णय है कि किसी भी डॉक्टर के खिलाफ मेडिकल नेगलिजेंस का केस रजिस्टर नहीं होगा जब तक कि उस विषय के डॉक्टर का पैनल नेगलिजेंस नहीं बताएं। सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी 2009 में न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू एवं आरएम लोढ़ा की बेंच ने डिसूजा वर्सेस मोहम्मद स्फाक ने स्पष्ट निर्णय दिया है कि कोई भी पुलिस अधिकारी इस तरह के प्रकरण रजिस्टर्ड करके डॉक्टर को प्रताड़ित नहीं करें नहीं तो पुलिस अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान होगा।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम प्रेषित ज्ञापन में बताया कि आनंद हॉस्पिटल लालसोट दौसा में जो भी हुआ वह ज्ञात कॉम्प्लिकेशन था ना कि मेडिकल नेगलिजेंस जैसा कि सरकार की इच्छा है कि प्रत्येक गांव में डॉक्टर सेवा करे लेकिन संबंधित थाना अधिकारी डिप्टी एसपी नेता व पत्रकार द्वारा अगर इस तरह से डॉक्टरों को स्पष्ट कानून होते हुए भी कानून के विरुद्ध जाकर प्रताड़ित करेंगे तो कौन डॉक्टर बिना डरे अपनी सेवाएं देंगे।
आईएमए ने नीमच मध्यप्रदेश के आईएमए जिला इकाई से जुड़े सभी चिकित्सकों ने इस घटना से आहत होकर आक्रोश व्यक्त किया और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन प्रेषित कर क्षेत्र के थाना अधिकारी डीवाईएसपी को तत्काल प्रभाव से सेवा मुक्त करने के की मांग की और डॉ अर्चना शर्मा को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का कार्य करने वाले जो भी नेता और पत्रकार दोषी पाया जाए उनके खिलाफ कार्यवाही की जाए, उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। आईएमए चिकित्सकों से मामले में विस्तृत जानकारी लेने के बाद कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने आईएमए चिकित्सकों को विश्वास दिलाया कि शीघ्र ही इस मामले को संबंधित उच्चाधिकारियों तक कार्रवाई के लिए प्रेषित करेंगे।
ज्ञापन देते समय आईएमए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ राजेंद्र आयरन आईएमए नीमच जिला इकाई के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक जैन, सचिव डॉ मनीष चमडिया, डॉ पंकज शर्मा, नवीन जैन, मोहन वरदानी, डॉक्टर सुजाता गुप्त, डॉक्टर दीपक सिंहल, डॉ यशवंत पाटीदार, डॉक्टर जेसी वर्मा, डॉक्टर पवन ओझा, डॉक्टर आरके भंडारी, डॉक्टर संजय गुप्ता, डॉ मनीष मेहता, डॉ एच एस सिसोदिया, अतुल चमडिया, डॉक्टर अमित गोयल, डॉक्टर रश्मि पटेल, डॉक्टर एलबीएस चौधरी, डॉक्टर रमेश दक, डॉ आर पी माहेश्वरी, डॉ अनिल दुबे, डॉ बीएल बोरीवाल, डॉ एलआर अग्रवाल, डॉ मधु जोशी, डॉ आशीष जोशी, प्रकाश पटेल, दीपक पाटीदार, अंजू जोशी आदि चिकित्सक मौजूद थे। ज्ञापन कार्रवाई के लिए राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दौसा जिला कलेक्टर एवं भारत सरकार के मुख्य न्यायिक मुख्य न्यायाधीश को भी प्रेषित किया है।