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सिंगोली में बेशकीमती सरकारी जमीन घोटाले का मामला, प्रेसवार्ता में कलेक्टर बोले जल्द होगी कार्यवाही, अब दोषियों के जल्द जेल जाने की तैयारी, तत्कालीन पटवारी और तहसीलदार की भी खास भूमिका, पढिए पूरी खबर

नीमच - September 8, 2024, 1:26 pm Technology

नीमच जिले के सिंगोली तहसील क्षेत्र में सरकारी बेश कीमती जमीनों के घोटाले के मामले लगातार सुर्खियां बटोर रहे हैं। सिंगोली तहसील मुख्यालय पर वर्ष 2021 में बेश कीमती सरकारी जमीन का बड़ा घोटाला किया गया। जांच में पटवारी रिपोर्ट में शिकायत सही पाई गई। वहीं तहसीलदार ने स्थगन आदेश कर जांच रिपोर्ट मंगवाई। जिसके बाद आज तक दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

जमीन घोटाले मामले मुद्दे पर प्रेस वार्ता में कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने दो टूक शब्दों में कहा है कि मामला उनके संज्ञान में आया है, तहसीलदार को निर्देशित किया गया, जल्द से जल्द दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी, किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। 

दरअसल तत्कालीन कलेक्टर दिनेश जैन को सिंगोली के शिकायतकर्ता दीपक तिवारी ने शिकायत करते हुए बताया कि सिंगोली में अनिल तिवारी और नवीन तिवारी ने कॉलोनाइजर दीपक पारुंडीया के साथ मिलकर दो अलग-अलग सरकारी जमीन को खुर्द करने का काम किया। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने टीएल बैठक में दो अलग-अलग प्रकरण पर जांच तहसीलदार को निर्देशित किया गया। जांच में प्रथम दृश्या नए खाते बनाकर पुराने खाते में से रकबा कम नहीं करते हुए सरकारी जमीनों को हड़पने का खेल खेलना पाया गया। तहसीलदार सिंगोली राजेश सोनी ने स्थगन आदेश जारी करते हुए जांच के निर्देश दिए। वर्तमान में जांच प्रतिवेदन भी तहसीलदार के पास पहुंच चुका है जांच में तत्कालीन पटवारी सुरेंद्र चुंडावत की मिलीभगत पाई गई। तत्कालीन तहसीलदार पर भी जांच की तलवार लटकी हुई दिखाई दे रही है। 

पूरे मामले में शिकायत को महीनो बीतने के बाद भी गंभीर मामले में सिंगोली का राजस्व अमला दोषियों के खिलाफ कागजो में कोई कार्रवाई करता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। सिर्फ जांच में तथ्य जुटाए जा रहे हैं इस बात पर रट्टा रट्टाया जवाब जिम्मेदार अधिकारी देते दिखाई दे रहे है।

हालांकि जैसे ही यह मुद्दा प्रेस वार्ता में कलेक्टर हिमांशु चंद्रा के समक्ष पहुंचा तो उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है और तहसीलदार को त्वरित प्रभाव से दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। 

जमीन घोटाले में यह शामिल 

कलेक्टर हिमांशु चंद्रा के निर्देशों का अगर सही से सिंगोली प्रशासन पालन करता है तो बेश कीमती सरकारी जमीन को खुर्द करने में अनिल तिवारी, नवीन तिवारी, कॉलोनाइजर दीपक पारुंडीया और तत्कालीन पटवारी सुरेंद्र चुंडावत के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज हो सकती है। क्योंकि तात्कालिक पटवारी ने गलत रिपोर्ट बनाकर तहसीलदार को प्रस्तुत की और तहसीलदार ने बिना वेरिफिकेशन के राजस्व शुद्धिकरण अभियान को दूषित कर दिया। और सिंगोली में बेश कीमती सरकारी जमीनों का खेल हो गया। बताते हैं कि इससे पहले भी एक पटवारी ने अपने परिवार के नाम पर इन दोषियों से प्लाट खरीदा और अपने नाम पर रजिस्ट्री करवाई।

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