नीमच के सिंगोली क्षेत्र में शासन द्वारा चलाए जा रहे 2021 के राजस्व शुद्धिकरण अभियान को तत्कालीन हल्का पटवारी ने अशुद्ध करने का खेल खेला और सिंगोली के अनिल जैन और दीपक पारुंडीया के नाम पर नए खाते बना दिए गए और मूल रकबा को कम नहीं करते हुए बेशकीमती जमीनों का खेल खेला गया। शिकायत के बाद जांच में तत्कालीन पटवारी सुरेंद्र के कारनामों की पोल खुल रही है। वही बताया जा रहा है कि तत्कालीन तहसीलदार को भी तत्कालीन हल्का पटवारी ने शुद्धिकरण अभियान में भ्रमित कर जमीनों का खेल कर लिया और तहसीलदार को इसकी भनक तक नहीं लगी। हालांकि जांच में तहसीलदार पर भी कार्रवाई की तलवार लटकती हुई दिखाई दे रही है।
पूरे मामले की शिकायत दीपक तिवारी ने कलेक्टर दिनेश जैन से की जिस पर सरकारी जमीनों की हेरा फेरी कर जमीन घोटाले के मामले में तहसीलदार राजेश सोनी ने स्थगन आदेश जारी करते हुए पटवारी से जांच रिपोर्ट मंगवाई गई। जांच रिपोर्ट का प्रतिवेदन तहसीलदार को प्रस्तुत किया जा चुका है। हालांकि तहसीलदार राजेश सोनी इस मामले में प्रथम दृश्या फिलहाल जांच में तथ्य जुटाए जाने की बात कह रहे हैं। लेकिन एक बात तो जांच में स्पष्ट हो गई है कि वर्ष 2021 के राजस्व शुद्धिकरण अभियान में तत्कालीन हल्का पटवारी ने नए खाते बनाए गए और मूल रकबा को कम नहीं किया गया।
अनिल और दीपक का जमीनों का खेल
वर्ष 2021 के राजस्व शुद्धिकरण अभियान में मूल रकबा को कम नहीं करवाते हुए पटवारी के साथ मिलीभगत कर नए खाते बनवाए गए। इसके बाद में बेशकीमती सरकारी जमीनों की हेराफेरी का खेल अनिल और दीपक ने शुरू किया। और सरकारी जमीनों को हड़पते हुए उन्हें अपनी निजी भूमि बताकर अवैध रूप से कॉलोनी काट दी गई। जिसकी शिकायत के बाद अब इनके जमीन घोटाले की पोल खुल रही है।
सीएम मोहन यादव सख्त, दोषियों पर कार्यवाही के निर्देश
मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव घोटालेबाज और भ्रष्टाचारी अधिकारीयो के सख्त खिलाफ हैं। और ऐसे अधिकारियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाए इसको लेकर सभी जिला अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। ऐसे में नीमच जिले के सिंगोली क्षेत्र में हुए जमीन घोटाले के मामले में लिप्त पाए गए दोषियों पर कार्रवाई होना तो लगभग तय हैं।
खैर देखना यह होगा कि पूरे मामले में कलेक्टर दिनेश जैन ने सिंगोली तहसीलदार राजेश सोनी को दो टूक शब्दों में स्पष्ट कहा था कि किसी भी निर्दोष को परेशान नहीं किया जाए और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाए, ऐसे में तहसीलदार की जांच अभी चल रही है और जांच पूरी होने पर दोषी अधिकारी और जमीन के घोटालेबाजों पर क्या कार्रवाई देखने को मिलती है।