नीमच नगर पालिका नियमों के अनदेखी के मामले में शायद रिकॉर्ड बनाना चाहती हैं। जहां शासन के निर्देश की धज्जियां उड़ाने में कर्मचारी कोई कसर नहीं छोड़ते। ऐसा ही एक मामला नीमच नगर पालिका द्वारा योजना क्रमांक 5 गांधीनगर में भूखंड क्रमांक 4 का विधि विरुद्ध उप विभाजन करने एवं नियमों के विरुद्ध निर्माण अनुमति जारी किए जाने के संबंध में कलेक्टर और नगर पालिका सीएमओ को लिखित शिकायत हुई और मामले में नियमो के विरुद्ध की गई कार्यवाही पट्टानामा एवं निर्माण अनुमति को निरस्त करने एवं संबंधित अधिकारी कर्मचारीयों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई।
दरअसल शिकायतकर्ता महेश कुमार ने कलेक्टर नीमच और नपा सीएमओ के नाम शिकायत करते हुए बताया कि नगर पालिका परिषद नीमच के द्वारा घोर अनियमितता कर तत्कालीन नगर सुधार न्यास की एवं वर्तमान नगर पालिका परिषद नीमच की योजना क्रमांक 5 गांधीनगर स्थित आवासीय भूखंड क्रमांक 4 का मूल पट्टानामे की शर्तों के विपरीत नगर पालिका परिषद नीमच के द्वारा भूखण्ड क्रमांक 4 का उप विभाजन करते हुए लीज नवीनीकरण कर पट्टेनामे का नियमों के विपरित निष्पादन करवा दिया गया। गांधीनगर स्थित भूखंड क्रमांक 4 का नियमों के विपरीत उप विभाजन के पश्चात नगर पालिका परिषद नीमच के द्वारा विभाजित भूखंड पर भूमि विकास अधिनियम 2012 के नियमों के विपरीत नगर पालिका परिषद नीमच के द्वारा आवासीय भूखंड पर संस्थानिक अनुमति जारी कर दी गई। तत्पश्चात मोके पर नगर पालिका परिषद नीमच के द्वारा संस्थानिक अनुमति के विपरीत यशवंत पाटीदार द्वारा निर्माण कार्य करते हुए श्री राम अस्पताल का निर्माण कर लिया गया जो की पूर्णतः विधि विरुद्ध होकर नियमों के विपरीत है। वहीं पूरे मामले में टाउन एंड कंट्री विभाग को नपा नीमच के अधिकारियों ने मजाक बनाकर रख दिया।
शिकायतकर्ता ने नगर पालिका परिषद नीमच के द्वारा नियमो के विरुद्ध की गई कार्रवाई पट्टनामा एवं जारी की गई निर्माण अनुमति को निरस्त करने एव संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई।
संस्थागत अनुमति संस्था को होती जारी
नियमो को लेकर नगरपालिका उपयंत्री ओपी परमार से जब बात की तो उनका कहना है कि टाउन एंड कंट्री की परमिशन के बाद ही अस्पताल की अनुमति जारी की जाती है। वही संस्थागत अनुमति के लिए संस्था का होना आवश्यक है। अब सवाल यह खड़ा होता है कि बिना संस्था के डॉक्टर यशवंत पाटीदार को नपा नीमच के अधिकारियों ने संस्थागत अनुमति कैसे जारी कर दी। और नियम विरुद्ध वहां पर श्रीराम अस्पताल का निर्माण कर दिया गया। खैर देखना यह है कि पूरे मामले में शिकायत कलेक्टर और सीएमओ तक पहुंची है तो इस मामले में क्या कार्यवाही देखने को मिलती है।
टीएनसीपी की बिना अनुमति, नपा ने जारी की निर्माण अनुमति
आवासीय को छोड़कर व्यावसायिक निर्माण के लिए निर्माण अनुमति की जरूरत होती है। इसके लिए पहले टाउन एंड कंट्री विभाग अनुमति देता है, उसके बाद ही नगर पालिका निर्माण अनुमति जारी करती हैं। लेकिन श्री राम अस्पताल के मामले में तो टाउन एंड कंट्री विभाग ने कोई अनुमति जारी ही नहीं की तो फिर नपा नीमच के अधिकारियों ने यशवंत पाटीदार को कैसे निर्माण अनुमति दे दी यह भी एक बड़ा सवाल है।