मध्यप्रदेश को एक बार फिर से केंद्र सरकार द्वारा बड़ा तोहफा दिया जाएगा। दरअसल देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा मध्यप्रदेश में बनाया जाएगा। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है। राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर के बीच बनने वाला यह एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। 10 हजार एकड़ में बनने वाले इस एयरपोर्ट में कार्गो और लॉजिस्टिक हब भी बनाए जाएंगे।
बता दे कि हवाई अड्डा दीवारों से लेकर हाटपिपलिया के चापड़ा गांव में तैयार किया जाएगा। वहीं यह स्थान इसलिए भी उपयुक्त है, क्योंकि इससे राजनीतिक राजधानी भोपाल सहित आर्थिक राजधानी इंदौर के बीच होने की वजह से दोनों की महानगरों को हवाई सुविधा उपलब्ध होगी। इसके आसपास 30 हजार एकड़ में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाने की भी तैयारी की जा रही है। जिसमें 3 लाख से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे।
इसके लिए 2 दिन तक एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की टीम इंदौर पहुंची थी। जहां इंदौर बैतूल मार्ग स्थित हाटपिपलिया तहसील के चापड़ा गांव के आसपास की जमीन की समीक्षा की गई। वही कुल 10 हजार एकड़ में बनने वाले इस एयरपोर्ट को देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाने की तैयारी की जा रही है। मध्यप्रदेश की राजधानी और आर्थिक राजधानी के बीच बनने वाले एयरपोर्ट का निर्माण देवास सोनकच्छ से चापड़ा के बीच होगा। वही एयरपोर्ट जिस जगह पर बनेगी। वह जमीन देवास इंदौर और पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के बेहद करीब होगी। शिवराज सरकार द्वारा इसे लॉजिस्टिक और औद्योगिक हब के रूप में भी तैयार करने की कवायद जारी है।
बता दे कि इसके लिए मध्यप्रदेश इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने जमीन की योजना को लेकर शासन को प्रस्ताव दिया था। वही इस एयरपोर्ट के लिए इंटीग्रेटेड प्लानिंग के तहत कार्य शैली अपनाई जाएगी। शासन को जमीन की योजना को लेकर प्रस्ताव देने के बाद अब इस पर कार्य शुरू कर दिया गया है। 8 और 9 अप्रैल को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की टीम द्वारा क्षेत्र का दौरा करने के बाद अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
इसके लिए नीति और नियम तय किए जा रहे। जिसके हिसाब से आगे की कार्यवाही संचालित होगी। वही मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित प्रमुख सचिव संजय शुक्ला ने भी इस पूरे प्रोजेक्ट की जानकारी सीएम शिवराज सिंह को दी है। उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव द्वारा भी एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से इस मामले में चर्चा की जा चुकी है। इस एयरपोर्ट के साथ लॉजिस्टिक और कार्गो हल सहित रेलवे रोड कनेक्टिविटी पर भी काम किया जाएगा।
वही प्रमुख सचिव उद्योग संजय शुक्ला ने नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है। जिसमें सीहोर सोनकच्छ देवास को नए सिरे से मास्टर प्लान की तैयारी करने की बात कही गई है। वहीं शाजापुर सीहोर के भी कुछ इलाकों को विकसित किया जाएगा। साथ ही दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की तर्ज पर भोपाल और इंदौर के बीच हुई सुपर कॉरिडोर बनाने की तैयारी की जा रही है। दरअसल इकोनॉमिक्स सुपर कॉरिडोर कल अब औद्योगिक नगरों को होगा। इसके साथ ही स्मार्ट सिटी जैसे 6 नए शहर के प्रस्ताव भी तैयार होंगे।
जानकारी के मुताबिक फोरलेन रोड के दोनों और आधे से 1 किलोमीटर के दायरे में कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। तीन चरण में पूरे होने वाले इस निर्माण के लिए 3 साल का समय लिया गया है। वहीं इस कॉरिडोर पर ढाई से 3 लाख खर्च होने का अनुमान लगाया गया है।