नीमच जिले के रतनगढ़ टप्पा क्षेत्र में सरकारी जमीनों पर अवैध अतिक्रमण के मामले में अब सरकारी कर्मचारी ही शामिल दिखाई दे रहे हैं। लेकिन प्रशासन भी इधर सख्त रवैया अपना रहा है। रतनगढ़ क्षेत्र में प्रदेश हलचल द्वारा सरकारी बेश कीमती जमीनों पर अवैध अतिक्रमण के मामले लगातार उठाए जा रहे हैं। इसी को लेकर एक बार फिर प्रदेश हलचल की खबर पर मुहर लगी और नायब तहसीलदार ने शासकीय जमीन पर अवैध अतिक्रमण के मामले में तीन लोगों के खिलाफ बेदखली के आदेश जारी किए जिसमें से दो सरकारी कर्मचारी है एक विद्युत विभाग में कार्यरत तो दूसरा कर्मचारी वन विभाग में कार्यरत हैं। ऐसे में अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या सीएम की मंशा के विपरीत सरकारी जमीनों को हड़पने वाले इन सरकारी कर्मचारियों को अब बर्खास्त किया जाएगा या नहीं।
दरअसल रतनगढ़ के घाट के ऊपर बेश कीमती सरकारी जमीनों को हड़पने के लिए अवैध अतिक्रमण का खेल खेला गया। जिसमें से एक विद्युत विभाग के महेश ठाकुर तो दूसरा वन विभाग में कार्यरत कुलदीप दीक्षित की पत्नी हेमलता दीक्षित का मामला सामने आया। वही एक और अन्य व्यक्ति का अतिक्रमण सरकारी जमीन पर पाया गया। तीनों के खिलाफ नायब तहसीलदार शत्रुघ्न चतुर्वेदी ने पटवारी रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद बेदखली के आदेश जारी किए। अब जल्द सीएम मोहन यादव की जेसीबी इनके अवैध अतिक्रमण के खिलाफ चलेगी और सरकारी भूमि को अवैध अतिक्रमण से मुक्त करवाने की कार्रवाई की जाएगी।
सिविल सेवा आचरण अधिनियम का उलंघन
सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण में कोई सरकारी कर्मचारी या उसके परिवार का सदस्य लिप्त पाया जाता है तो इसे मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण अधिनियम का उल्लंघन माना जाता है। और संबंधित व्यक्ति को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए इसकी सेवाएं बर्खास्त की जाती हैं। खैर देखना यह होगा कि इस मामले में दोनों ही सरकारी कर्मचारियों का अवैध अतिक्रमण पाया गया और तहसील न्यायालय से बेदखली के आदेश जारी किए गए। तो क्या विभाग इन दोनों को बर्खास्त करेगा या फिर क्या कार्यवाही इनके खिलाफ देखने को मिलती है।
इनका कहना -
सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण के मामले में तहसील न्यायालय में प्रकरण दर्ज कर बेदखली आदेश जारी किए गए। जल्द सरकारी जमीन को अतिक्रमणकर्ता के कब्जे से मुक्त करवाने की कार्रवाई की जाएगी। - शत्रुघ्न चतुर्वेदी नायब तहसीलदार रतनगढ़ ।