भोपाल के हमीदिया अस्पताल के गायनी विभाग में नवजात की मौत हो गई। परिजन शव लेकर घर चले गए। उसका कफन-दफन करने के अगले दिन अस्पताल से फोन पहुंचा कि कि आपकी बच्ची भूखी है। दूध पिलाने के लिए क्यों नहीं आ रहा है कोई? ये सुनकर परिजन चौंक गए।
जब फोन पर उन्होंने बताया कि आपने तो नवजात का शव दिया था। फिर अब क्यों बोल रहे हैं कि बच्ची को दूध कौन पिलाएगा। ये बात सुनकर अस्पताल से कॉल करने वाली नर्स ने भी हैरानी के साथ ही तुरंत फोन काट दिया। बच्ची की जिंदा होने की आस लिए परिजन बुधवार को अस्पताल पहुंचे, लेकिन उनको यहां से ये कहकर रवाना कर दिया जाता है कि आपकी फाइल क्लोज हो चुकी है। रोते-बिलखते परिजन अस्पताल से थाने में शिकायत दर्ज कराने के लिए पहुंचे।
बैरसिया रोड स्थित काला पीपल के अगरिया खामखेड़ा निवासी दुल्लदर चौहान ने बताया कि शादी के 6 साल बाद पत्नी प्रियंका ने बच्ची को 4 सितंबर को जन्म दिया था। नवजात की स्थिति खराब होने से परिजन को उसको देखने नहीं दिया जा रहा था। दोपहर में स्टाफ ने बताया कि बच्ची की मौत हो गई। शव लेकर हम गांव चले गए। वहां उसका कफन-दफन कर दिया।
मां बोली- वो जिंदा है तो शव किसका था
प्रियंका ने बताया कि बच्ची के जिंदा होने की आस में हम बुधवार को अस्पताल पहुंचे। लेकिन, यहां हमारी कोई सुनने को तैयार नहीं था। हम लोगों ने महेंद्र सोनी नामक स्टाफ से बहुत मिन्नतें की। लेकिन, उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की।
5 सितम्बर को अस्पताल से फोन आता है कि आप अपनी बच्ची को दो दिन से दूध पिलाने के लिए क्यों नहीं आ रहे हैं? ये सुनकर हम सब सोच में पड़ गए। हमने नर्स से पूछा कि बच्ची जिंदा है तो फिर हमें जो शव सौंपा, वो किसका था? हम लोगों ने कई बार फोन लगाकर बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने नंबर ब्लैक लिस्ट में डाल दिया।
दादी बोलीं, किसी दूसरे का बच्चा हमें थमा दिया
प्रियंका की सास नसता बाई ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मामले की जांच कराने की गुहार लगाई है। उनका आरोप है कि उनकी नवजात को बदल दिया गया है। जिंदा की जगह किसी अन्य का मरा बच्चा उनको थमा दिया गया। इस मामले की जांच होनी चाहिए।
अस्पताल से किसी स्टाफ ने परिजन को कॉल नहीं किया
बेबी ऑफ प्रियंका की यहां पर डेथ हुई थी। शव परिजन को सौंप दिया गया था। सारे रिकॉर्ड की जांच के बाद ही शव परिजन को दिया जाता है। अस्पताल से किसी स्टाफ ने परिजन को कॉल नहीं किया है।
-डॉ आशीष गोहिया, अधीक्षक हमीदिया अस्पताल भोपाल