अपुन के शहर में नपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर घमासान आज खत्म हुआ। एक बार फिर नपाध्यक्ष की कुर्सी पर बनिए का कब्जा दिखाई दिया। इधर बहुमत से भी ज्यादा कांग्रेस का मतदान भी भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में हुआ। जिसको लेकर शहर में कई तरह की सुनी सुनाई चर्चाएं निकल कर सामने आ रही है। ऐसे में भाजपा की जिला पदाधिकारी की सोशल मीडिया पर सूटकेस की पोस्ट ने शहर के चौराहे पर चर्चा को हवा दे दी। आखिर सूटकैस से कही नपाध्यक्ष के चुनाव का कनेक्शन तो नहीं।
हाथ में सूटकेस, सोशल मीडिया पर पोस्ट
सोशल मीडिया के प्लेटफार्म फेसबुक पर भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार की घोषणा होते ही भाजपा पदाधिकारी की हाथ में सूटकेस लिए पोस्ट चर्चा का विषय बन गई। इस पोस्ट को लेकर शहर के चौराहे पर सुनी सुनाई चर्चा निकल कर आ रही थी कि नपाध्यक्ष कुर्सी से इस सूटकेस का कोई कनेक्शन तो नहीं। सूटकेस लेकर एक व्यक्ति रात के अंधेरे में जाता हुआ दिखाई दे रहा है। आखिर अगर इस कुर्सी से सूटकेस का कनेक्शन है तो लोग चर्चा कर रहे हैं कि आखिर सूटकेस ले जाने वाला और सूटकेस लेने वाला व्यक्ति कौन है।
करण सिंह परमार की नाराजगी, पार्टी के प्रति समर्पण
नीमच नपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर अध्यक्ष के नाम की घोषणा होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रति जनसंघ के समय से सक्रिय रहने वाले निष्ठावान कार्यकर्ता करण सिंह परमार के चेहरे पर नाराजगी दिखाई थी। सालों से पार्टी के प्रति समर्पण निष्ठावान होने के बाद भी पार्टी ने करण सिंह परमार की पत्नी रंजना परमार को मौका नहीं दिया। इसको लेकर चुनाव के दौरान करण सिंह परमार अपने घर पर ही रहे। किसी भी आयोजन में शामिल नहीं हुए। हालांकि कई लोग मनाने के लिए उनके घर पहुंचे लेकिन उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में जो अध्यक्ष बनी है उनके परिवार में गर्मी है इसलिए मैं कोई जश्न में शामिल नहीं होना चाहता। हालांकि उन्होंने औपचारिक चर्चा के दौरान पार्टी के फैसले को स्वीकार किया लेकिन उनके मुंह से अपनी पीड़ा भी छलक आई। उन्होंने कहा कि मेरी संगठन से कोई नाराजगी नहीं, इससे अच्छा संगठन कोई हो ही नहीं सकता और ऐसा संगठन ढूंढने से भी कहीं मिल भी नहीं सकता।
नपाध्यक्ष और जनपद अध्यक्ष, ब्राह्मणों को नहीं मिला मौका
नीमच की भाजपा की राजनीति की बात करें तो पहले नीमच जनपद में सामान्य सीट होने के बाद भी अध्यक्ष पद के लिए अनीता महेश नागदा का नाम सामने आया था लेकिन पार्टी ने सामान्य उम्मीदवार ब्राह्मण समाज के व्यक्ति को दरकिनार करते हुए पिछड़ा महिला को जनपद अध्यक्ष बनाया।
ऐसे ही नीमच नपाध्यक्ष में भी सामान्य सीट होने से पिछली बार भारतीय जनता पार्टी ने बनिए को मौका दिया था और दोबारा भी बनिए के नाम पर मोहर लगी। वही सोशल मीडिया सहित सभी जगह भारतीय जनता पार्टी में लगातार सक्रिय रहने वाली और पार्टी का झंडा उठाने वाली ब्राह्मण समाज कि महिला किरण शर्मा का नाम दिखाई दे रहा था लेकिन इस बार भी पार्टी ने ब्राह्मण समाज को नजरअंदाज करते हुए बनिये को नपाध्यक्ष का ताज पहनाया गया। इसको लेकर ब्राह्मण समाज के लोगों में सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर खासी नाराजगी देखी जा रही है।
विधानसभा चुनाव में भाजपा को लग सकता है झटका
नपाध्यक्ष के ताज और जनपद अध्यक्ष के ताज को लेकर ब्राह्मण समाज को नजरअंदाज करने के चलते आगामी दिनों में यह नाराजगी खत्म नहीं की गई तो विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है। क्योंकि सोशल मीडिया था इस समाज में इसको लेकर काफी नाराजगी देखी जा रही है।