नीमच/महेश जैन। सीबीएन (केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो) के अधिकारियों पर शिकंजा कसता जा रहा है। किसानों से अवैध वसूली और मादक पदार्थों के मामलों में 'तोड़-बट्टा' का खुला खेल सामने आ रहा है। हाल ही में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एमपी के उज्जैन में पदस्थ सीबीएन इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह को दलाल जगदीश मेनारिया के साथ गिरफ्तार किया है।
सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई राजस्थान के मांगीलाल गुर्जर नामक किसान की शिकायत पर की गई। किसान से 400 किलो डोडा चूरा के मामले में एक करोड़ रुपए की अवैध मांग की गई थी, जिसमें तीन किस्तों में 44 लाख रुपए वसूल लिए गए। शिकायत सीबीआई के पास पहुंचते ही पूरे मामले की जांच शुरू हुई और कार्रवाई के तहत दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया।
सीबीआई की सख्त कार्रवाई के बावजूद भी तोड़-बट्टा का खेल थमा नहीं है। हाल ही में मोरवन चादर क्षेत्र में राजस्थान की टीम द्वारा 17 जुलाई की शाम को सफ़ेद स्कॉपियो वाहन से मांगूसिंह और एक अन्य व्यक्ति को बाइक सहित पकड़ा गया था। उनके पास से करीब 13 किलो अफीम जब्त की गई। लेकिन चर्चाओं में है कि बाद में आरोपियों को ‘निकाल’ दिया गया, और इसके एवज में डेढ़ से दो करोड़ रुपए तक की डील हुई।
सीबीएन का एक अधिकारी सीबीआई की गिरफ्त में है, इसके बावजूद मोरवन जैसे इलाकों में अवैध वसूली और अफीम तस्करी पर लगाम नहीं लग पाई है। जानकारों का कहना है कि यदि मांगू सिंह के कॉल रिकॉर्ड और पुराने केस खंगाले जाएं तो कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या नीमच-मंदसौर क्षेत्र में किसानों से की जा रही यह अवैध वसूली और नशीले पदार्थों का खेल इसी तरह चलता रहेगा? या फिर स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासन और सीबीआई इसे गंभीरता से लेंगे?